महाशिवरात्रि पर कैसे करे भोलेनाथ को प्रसन्न
शिवरात्रि के दिन क्यों करते है भोलेनाथ कि पूजा
महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ कि पूजा करने के कारण कई सारे है. जिससे सबकी मन कि इच्छा पूरी हो सके और भगवन शिव कि कृपा सब पर बनी रहे. एक वजह ये भी है कि इस सृष्टि का निर्माण होना शुरू हो गया था और दूसरी वजह ये भी है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि की सबसे एहम मन जाता है.
जब आप किसी चीज़ को सच्चे दिल से पाना चाहते है ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि से अच्छा दिन कुछ नहीं होता है जिस दिन आप अपने मन चाही इच्छा पा सकते है. उसके लिए आपको भगवन शिव कि अर्चना करनी होगी. शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाए साथ में बेर भी जिससे भगवन शिव और देवी पार्वती प्रसन्न हो और आपकी मनोकामना पूरी करे. इस दिन कालसर्पयोग से मुक्ति के लिए भी विशेष उपाय भी किए जाते हैं
महाशिवरात्रि पर और क्या करे जिससे आपकी सारी परेशानिया ख़त्म हो जाए:
विवाह के लिए – यदि विवाह में अड़चन आ रही है तो शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर केसर मिला कर दूध चढ़ाएं ऐसा करने से सारी अर्चाने ख़त्म हो जाएँगी.
मनोकामना को पूरा करने के लिए – शिवरात्रि पर 21 बिल्व पत्रों पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं ताकि मनोकामना पूरी हो जाए.
सुख समृद्धि पाने के लिए -शिवरात्रि पर बैल को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और परेशानियों का अंत होगा. आपके घर में सुख समृधि आएगी.
मन की शांति के लिए- पानी में काला तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें व ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। इससे मन को शांति मिलेगी।
इस दिन कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए आप सुबह शिव मंदिर में जाएं और भगवान शिव को धतूरा चढ़ाएं। इसके बाद ओम नमः शिवाय का जाप करें जिससे कालसर्प का दोष ख़त्म हो जायेगा.
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अब जाने कि महाशिवरात्रि क्यों इस बार इतनी ख़ास?
इस बार कि महाशिवरात्रि इसलिए ख़ास है क्यूंकि इस बार शिवरात्रि दो दिन मनाई जा रही है, यानी 13 और 14 फरवरी को मनाई जा रही है. ज्योतिष के अनुसार इस बार चतुर्दशी तिथि 13 फरवरी मंगवलार 22:36 से शुरू होगी, जो 15 फरवरी 2018, 00:48 बजे खत्म होगी। ऐसे में 13 और 14 फरवरी को दो दिन तक शिव उपासना का लाभ भक्तों को मिलेगा। व्रत करने लिए 14 तारीख का दिन ही सबसे अच्छा माना जा रहा है। शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक या रुद्राभिषेक का बहुत महत्व है।