IIT Bombay: आईआईटी मुंबई में नॉनवेज पर मचा बवाल
IIT बॉम्बे की कैंटीन में लगे एक पोस्टर 'केवल शाकाहारी' के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हंगामा मच गया है।
IIT Bombay: हॉस्टल कैंटीन में ‘केवल शाकाहारियों‘ का लगा पोस्टर, सोशल मीडिया पर हो रहा है जमकर वायरल
IIT Bombay: IIT बॉम्बे की कैंटीन में लगे एक पोस्टर ‘केवल शाकाहारी’ के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हंगामा मच गया है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे के हॉस्टल कैंटीन में वेज और नॉनवेज को लेकर बवाल मच गया है। जानकारी के अनुसार एक छात्र कैंटीन में बैठकर नॉनवेज खा रहा था, जिसके बाद दूसरे छात्र ने उसे बुरा भला कहा। उसके बाद से ही खाने को लेकर चर्चाएं शुरू हैं। वहीं, नॉन वेज खाने वाले छात्रों को हॉस्टल कैंटीन में बैठने से रोकने की भी कोशिश की जा सकती है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई पोस्टर की तस्वीरे
बता दें कि आईआईटी में पढ़ने वाले वहां एक छात्र ने बीते रविवार को बताया कि यह घटना पिछले हफ्ते की है। जब हॉस्टल 12 की कैंटीन में कुछ छात्रों ने पोस्टर लगा दिया कि यहां ‘सिर्फ शाकाहारियों को बैठने की परमिशन है।‘ जबकि हॉस्टल कैंटीन में अलग से खाने की कोई गाइडलाइन नहीं है। इसके अलावा जिन छात्रों को नॉन वेज खाना पसंद है, वह उन छात्रों को जगह खाली करने के लिए कहेंगे, जिन्हें नॉनवेज पसंद है।
Even though RTIs and mails for hostel GSec shows that there is no institute policy for food segregation, some individuals have taken it upon themselves to designate certain mess areas as "Vegetarians Only" and forcing other students to leave that area.#casteism #Discrimination pic.twitter.com/uFlB4FnHqi
— APPSC IIT Bombay (@AppscIITb) July 29, 2023
छात्रों ने हटाए पोस्टर
छात्रों के अनुसार 3 महीने पहले छात्रों नें आरटीआई डाली थी। जिसमें पता चला कि आईआईटी मुंबई के पास कोई फूड पॉलिसी नहीं थी। छात्रों की भोजन पसंद के आधार पर अलग-अलग बैठने की व्यवस्था अभी भी संस्थान में जारी है। छात्रों ने इस घटना की निंदा करते हुए पोस्टर फाड़ दिए।
इसके अलावा छात्रों के ग्रुप ने सोशल मीडिया पर एक अभियान भी शुरू किया है। इसमें उन्होंने कहा कि यह अधिनियम कैंपस में कुछ ग्रुप्स में बेहतर होने के विचार को मजबूत करता है और निचले तबके से आने वाले छात्रों के खिलाफ भेदभाव को दर्शाता है।
महासचिव ने भेजा छात्रों को ईमेल
छात्रावास के महासचिव ने छात्रों को भेजा ईमेल इसमें लिखा है कि, इस तरह का बर्ताव अस्वीकार्य है। किसी भी छात्र को किसी अन्य छात्र को मेस के किसी भी क्षेत्र से इस आधार पर हटाने का अधिकार नहीं है कि यह एक विशेष रूप से आरक्षित है। यदि ऐसी घटना दोबारा होती है तो हम इसमें शामिल छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे।
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