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पांच तरीके जो आपको बना सकते है बेहतर दोस्त

पांच तरीके जो आपको बना सकते है बेहतर दोस्त

दोस्ती और दोस्त हमारे जीवन में बहुत ज़रूरी होते है।सच्चे व अच्छे दोस्त वही होते है जो माँ पिता की तरह हमे हमारी ग़लतियो का एहसास दिलाये और हमे हर बात समझाए। बेहतर दोस्त वो होते है जो भाई/बहन बन हमे खूब परेशान करे पर कभी हमारा साथ ना छोड़े। दोस्त चाहे गंभीर रहने वाला हो या हर पल मज़ाक करने वाला, दोस्त तो दोस्त होता है और हर एक दोस्त ज़रूरी भी होता है।

इसलिए इन 5 तरीकों से आप बन सकते है बेहतर दोस्त:-

1)    उसकी बात को सुने

अक्सर हम अति उत्साहित होकर अपने दोस्त की बात ही नहीं सुनते या अगर सुनते भी है तो गंभीरता से नहीं सुनते। बस फिर उस की कही हर बात अनसुनी रह जाती है। जिस मक़सद से वह आपके पास आया था वह तो ख़त्म ही हो गया। यह ज़रूरी है कि जब आपका दोस्त आपके पास अपनी कोई परेशानी लेकर आये तो आप उसे सुने। हो सकता है कि आपके लिए वह बात बहुत छोटी हो पर उसके लिए बहुत बड़ी हो सकती है।

2)    उसको समझे

हम सब यही चाहते है कि हमे कोई समझे। हमारे माँ -पिता और परिवार हमें अक्सर नहीं समझ पाता है तब सिर्फ हमारे दोस्त होते है जो हमे समझते है। उसकी स्तिथि को समझना आपका फ़र्ज़ है। खासकर तब जब आप दोनों ही ज़िंदगी के एक नए दौर में नई शुरुआत कर रहे हो। कैसे आप दोनों व्यस्त रहते है और नई जगह पर नए लोगो के बीच मेहनत कर रहे होते है अपनी जीवनशैली बनाने की, तब आप दोनों को एक दूसरे को थोड़ा समय देना चाहिए। ऐसे विपरीत समय में आपको एक-दूसरे को समझना भी है और साथ भी देना है।

पांच तरीके जो आपको बना सकते है बेहतर दोस्त
दोस्त का साथ कभी न छोड़े

3)    उसकी ग़लतियो का मज़ाक न बनाये

बेहतर दोस्त की सबसे बड़ी पहचान यही है कि वो हमारी गलतियों का मज़ाक न बनाए। बचपन में या बड़े होते हुए हम सबसे कई ग़लतियाँ हुई होंगी। पर अगर कोई बार बार उनका मज़ाक बनाता रहे तो अंद रही अंदर वह बात बहुत चुभती है। तो ये याद रखे की दोस्तों की ग़लतियो को सुधारने में मदद करे। अगर उनकी ग़लतियो के बारे में हर बार बात की जाएगी तो वह शायद अगली बार से आपके साथ अपनी ग़लतियो के बारे में बात करने को हिचकिचाए। गलती सबसे होती है उसे सुधार कर उस से कुछ सीखे और आगे बढे।

4)    टूटे रिश्तों से आगे बढ़ने मे मदद करे

ज़िंदगी में कभी न कभी हम सभी का रिश्ता टूटा होगा। तब दोस्त ही होते है जो हमें संभाल कर हमें आगे बढ़ने में मदद करते हैं। पर दोस्त होकर ये हमारा फ़र्ज़ बनता है कि हम बहुत ही समझदारी से अपने दोस्त की मदद करे। उनको ये बोलना कि ‘वो तो था ही ऐसा’ या ‘जो हुआ अच्छा हुआ’, गलत होगा। क्यों कि कहीं न कहीं आपके दोस्त को लगेगा कि आप सब कुछ जानते हुए भी चुप रहे। इसिलए अपने दोस्त को सुने और अनजाने में कोई ऐसी बात न कहे जो उसे बुरी लगें।

5)    इज़्ज़त दे

आप दोनों अपने आप में अलग है। आपकी पसंद और ना पसंद भी अलग होंगे। ये बहुत ही ज़रूरी है कि आप दोनों एक दूसरे की रूचि की इज़्ज़त करे। इससे नाही आप दोनों में कोई अंतर आएगा और आप जब अपने दोस्त की पसंद का कुछ करेंगे तब आपकी दोस्ती और गहरी होगी और आप बहुत कुछ सीखेंगे भी।

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