#InternationalTigerDay: कब हुई थी टाइगर डे की शुरुआत ? यहाँ जाने विस्तार से
पीएम मोदी ने बाघों की संख्या पर की रिपोर्ट जारी
देश में आज बाघों की घटती संख्या और इसके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय टाइगर डे मनाया जाता है. बाघ की आबादी हर साल विश्व में तेज़ी से बढ़ रही है.जिसको लेकर एक सर्वे भी किया जा चुका है. पहला सर्वे 2006 में किया गया था, दूसरा सर्वे 2010 में किया गया था और तीसरा सर्वे 2014 मे किया गया था.
यहाँ जाने कब हुई थी टाइगर डे की शुरुआत
आपको बता दे कि देश में बाघों की संख्या कम होने पर लोगो को जागरूक करने के लिए 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने की घोषणा हुई थी.इस सम्मेलन में मौजूद कई देशों की सरकारों ने 2020 तक बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था. इसलिए हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है.
पीएम ने बाघों कि संख्या पर की रिपोर्ट जारी
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर पीएम मोदी ने ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन 2018 की रिपोर्ट जारी की है. जिसमे यह बताया गया है कि देश में बाघों की संख्या 2967 पहुंच गई हैं 2014 के मुकाबले इनकी संख्या में 741 की बढ़ोत्तरी हुई है. इस पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर के कहा – मैं इस क्षेत्र से जुड़े लोगों से यही कहूंगा कि जो कहानी ‘एक था टाइगर’ के साथ शुरू होकर ‘टाइगर जिंदा है’ तक पहुंची है, वो वहीं न रुके. केवल टाइगर जिंदा है, से काम नहीं चलेगा. Tiger Conservation से जुड़े जो प्रयास हैं उनका और विस्तार होना चाहिए, उनकी गति और तेज की जानी चाहिए
दुनिया मे अब तक बाघों की संख्या 3 हजार से ज्यादा है. वही 20वीं सदी की शुरुआत के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर तक 95 फीसद से अधिक बाघ की आबादी कम हो गई है. बाघों कि आबादी कम होने की सबसे बड़ी वजह हैं पेड़ो का काटना और जलवायु परिवर्तन. वही भारत दुनिया का ऐसा आदर्श देश बन चुका है जिसने पिछले कुछ सालों में अन्य देशों की तुलना में बाघ संरक्षण पर काफी मेहनत की है.
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