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World Malaria Day: इस मलेरिया डे जानें मलेरिया से जुड़े 20 तथ्यों को

World Malaria Day: जिस बीमारी का टीका लाने में लग गए 30 साल वो बीमारी कितनी खतरनाक हो सकती है, जानें


Highlights –

. प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को विश्व स्तर पर मलेरिया दिवस मनाया जाता है।

 . मलेरिया जैसी घातक बीमारी के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल मलेरिया दिवस का आयोजन किया जाता है।

World Malaria Day: प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को विश्व स्तर पर मलेरिया दिवस मनाया जाता है। मलेरिया जैसी घातक बीमारी के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल मलेरिया दिवस का आयोजन किया जाता है।

विश्व मलेरिया दिवस 2022 की थीम

वर्ष 2022 विश्व मलेरिया दिवस की थीम Harness Innovation to reduce the malaria disease burden and save life है।

विश्व मलेरिया दिवस का इतिहास

वर्ष 2007 में अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में परिवर्तित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य सभा के 60 वें सत्र के दौरान यह निर्णय लिया गया। इस आर्टिकल में आपको हम मलेरिया से जुड़े 20 तथ्य बताएंगे ताकि आप इस जानलेवा बीमारी के प्रति अधिक जागरूक हो पाएं।

 

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1.       मलेरिया एक मच्छर जनित रोग ( Mosquito Blood Borne Disease)  है जो Plasmodium परजीवी के कारण होता है। इस परजीवी का फैलाव मादा एनाफिलीज मच्छरों ( Female Anopheles Mosquitoes) के काटने से होता है।

2.       मानव शरीर में पहुँचने के बाद परजीवी कोशिकाओं के अंदर बढ़ते हैं इसके बाद ये रेड ब्लड सेल्स को नष्ट कर देते हैं। इसके फलस्वरूप हमारे शरीर के रेड ब्लड सेल्स की क्षति होती है।

3.       मलेरिया के लक्षणों में बुखार और फ्लू शामिल हैं जिसमें सिरदर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द और थकान महसूस होता है।

4.       इस बीमारी की रोकथाम एवं इलाज दोनों ही सम्भव है।

5.       मलेरिया से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरदानी में सोना और घर के आस – पास किसी भी तरह के पानी का जमाव न होने देना।

6.       मलेरिया का इलाज आप Artemisinin  या Chloroquine जैसी दवाओं से कर सकते हैं। लेकिन डॉक्टरों के सलाह पर ही दवायें लें। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के मामले में अधिक सावधानी की आवश्यकता है।

7.       भारत ने 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है, जबकि वर्ष 2027 तक पूरे देश को मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा।

8.       पहली बार विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल 2008 को मनाया गया था। यूनिसेफ द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसे खतरनाक बीमारी पर जनता का ध्यान केंद्रित करना था, जिससे हर वर्ष लाखों लोग मरते हैं।

9.       विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में मलेरिया से प्रत्येक वर्ष  दो लाख पाँच हज़ार पाँच सौ मौतें होती हैं। इस बीमारी की मार सबसे अधिक बच्चों को सहनी पड़ती है। 55, 000 बच्चे जन्म के कुछ सालों के भीतर ही मलेरिया से दम तोड़ देते हैं। 5 से 14 साल के 30 हजार बच्चे हर साल मलेरिया से मौत के मुँह में जा रहे हैं।

10.   विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि साल 2050 तक अफ्रीका में मलेरिया के 1 करोड़ 10 लाख तक मामले सामने आएंगे।

11.   साल 1995 से विश्व स्वास्थ्य संगठन तेजी से मलेरिया उन्मूलन अभियान चला रहा है।

12.   1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया के लिए सबसे पहले अभियान चलाया था। इस अभियान का मकसद साल 2000 तक मलेरिया को दुनिया से खत्म करना था। लेकिन अभी तक जानलेवा बीमारी मलेरिया खत्म नहीं हुई है।

13.   आपको बता दें कि श्रीलंका मलेरिया मुक्त हो गया है। साल 2016 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने श्रीलंका को मलेरिया मुक्त घोषित कर दिया है।

14.   एक रिपोर्ट के अनुसार 100 में से कम से कम 3 मौतें मलेरिया से होती है।जिसमें 90 फीसदी मामले सामने आते हैं।

15.   86 फीसदी मलेरिया के मरीज अस्पताल तक पहुँच भी नहीं पाते।

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16.   भारत और ब्राजील, कोविड – 19 महामारी के दौरान मलेरिया पीड़ित देशों में रिपोर्ट किए गए सभी मामलों का 64 फीसदी से अधिक के लिए जिम्मेदार है।

17.   मलेरिया के टीके को बनने में 30 साल लग गए। लगभग 20 साल का समय इसे ट्रायल में लगे।

18.   वैक्सिन सिर्फ 40 फीसदी ही कारगर है, फिर भी ये बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।

19.   भारत में वैक्सीन कब से लगाई जाएगी या अनुमति दी जाएगी या नहीं इसकी जानकारी अभी तक नहीं है।

20.   साल 2019 में 27 देशों ने ऐलान किया था कि उनके यहां 100 से भी कम मलेरिया के मामले आए हैं। 20 साल पहले ऐसा दावा करने वाले सिर्फ 6 देश ही थे। अब दुनिया के पास इसका टीका भी आ गया है। यानी मलेरिया के खिलाफ लड़ाई और मजबूत हो पाएगी, और हजारों जानें हर साल बचाई जा सकेंगी।

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