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Organ Donation: भारत में मर्दों से ज्यादा औरतें करती है ऑर्गन डोनेट

रिसर्च के मुताबिक मर्दों से ज्यादा महिलाएं अपने ऑर्गन डोनेट करने के लिए आगे आती है। आज देश भर में अधिकतर पुरुष महिलाओं के ऑर्गन पर जी रहे है। Key words: organ donation

Organ donation: महिलाओं के दिए ऑर्गन पर जी रहे है कई मर्द, देखिए रिपोर्ट


देश की महिलाएं पुरषों से कम नहीं है ये सिर्फ कहावत नहीं है हर मोड़ पर महिलाओं ने इसे साबित किया है और हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल करके दिखाई है। अंग प्रत्यारोपण के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। आंकड़ों की माने तो पुरुषों को किडनी दान करने वालों में 90 फीसदी महिलाएं हैं, जबकि सिर्फ 10 फीसदी महिला मरीजों का किडनी प्रत्यारोपण हो रहा है। अंगदान करने वाली महिलाओं में पत्नियां सबसे आगे रहती हैं और दूसरे नंबर पर मरीजों की मां का स्थान आता है। वहीं पुरुषों में अंगदान के लिए आगे आने की झिझक के पीछे चिकित्सा विशेषज्ञ सामाजिक सोच को दोष देते हैं।
प्रदेश में केजीएमयू में लिवर प्रत्यारोपण और एसजीपीजीआई, लोहिया संस्थान एवं कॉर्पोरेट अस्पतालों में किडनी प्रत्यारोपण हो रहा है। केजीएमयू में अब तक हुए 12 लिवर प्रत्यारोपण के सभी मरीज पुरुष हैं। इनमें से दो को कैडवर (ब्रेनडेड मरीज से लिया गया) से लिवर मिला है। जबकि अन्य मरीजों में 50 फीसदी को पत्नी से और बाकी 50 फीसदी को भाई, बेटा व दूसरे रिश्तेदारों से मिला है। इसी तरह एसजीपीजीआई में हुए करीब 3,135 किडनी ट्रांसप्लांट में 80 फीसदी को पत्नी, मां, बेटी, बहन व दादी ने अंगदान किया है। अन्य को दूसरे रिश्तेदारों ने। यहां 12 फीसदी महिलाओं को ही किडनी मिली है। लोहिया संस्थान में हुए 100 किडनी प्रत्यारोपण में 80 फीसदी मरीजों को पत्नी, मां व बहन से किडनी मिली है। यहां महिलाओं को आठ फीसदी किडनी मिली है। इन्हें किडनी देने वालों में 50 फीसदी मां हैं। सिर्फ एक मरीज को पति ने किडनी दान किया है।

कॉर्पोरेट अस्पतालों में पुरुषों का ही प्रत्यारोपण

लखनऊ के कॉर्पोरेट अस्पतालों में करीब 200 लोगों का किडनी प्रत्यारोपण हुआ है। इसमें 98 फीसदी पुरुष मरीज हैं। इन्हें किडनी दान करने वालों में मां व पत्नी की संख्या 80 फीसदी से अधिक है।

लिवर के मरीज में पुरुष ज्यादा 

डॉक्टर्स की जानकारी के मुताबिक बताया गया है कि लिवर खराब होने की बड़ी वजह शराब, तंबाकू आदि है। इस वजह से लिवर के ज्यादातर मरीज पुरुष ही होते हैं। लेकिन अंगदान में महिलाओं की संख्या अधिक है। इसके पीछे मूल कारण सामाजिक सोच हैं।

मां-पत्नी तुरंत आती हैं आगे

किडनी की बीमारी महिला व पुरुष दोनों को बराबर होती है। शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है, लेकिन अंगदान से पुरुष कतराते हैं। इसके लिए सामाजिक जागरूकता की जरूरत है। पत्नी या मां तत्काल दान के लिए आगे आती है, जबकि पुरुष सोच विचार में पड़ा रहता है।

पुरुष कतराते हैं

बच्चे के जन्म देने के बाद महिलाओं में कुछ इम्युनोलॉजिकल बदलाव होते हैं। कुछ मामलों में पति की किडनी मैच करने में समस्या आती है, लेकिन बड़ी वजह सामाजिक है। पितृ सत्तात्मक समाज होने की वजह से पुरुष अंगदान करने से कतराते हैं।
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