Chief Justice: BR Gavai बने देश के 52वें CJI, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ, बुलडोजर केस में दिया अहम फैसला
Chief Justice: 14 मई 2025 को देश को उसका 52वां मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India - CJI) मिल गया।
Chief Justice: 52वें मुख्य न्यायाधीश बने BR Gavai, राष्ट्रपति भवन में ली शपथ
Chief Justice, 14 मई 2025 को देश को उसका 52वां मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India – CJI) मिल गया। जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के कार्यकाल पूरा होने के बाद जस्टिस बृजेश गवई (BR Gavai) ने भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में शपथ दिलाई। जस्टिस गवई अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से आने वाले दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं। उनसे पहले जस्टिस के.जी. बालकृष्णन ने 2007 में यह पद संभाला था।
न्यायपालिका में समावेशिता की नई मिसाल
जस्टिस गवई का मुख्य न्यायाधीश बनना भारतीय न्यायपालिका में समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उनका यह पद पर आना न सिर्फ न्याय प्रणाली में विविधता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि समाज के सभी वर्गों को सर्वोच्च पदों तक पहुंचने का अधिकार और अवसर मिल रहा है।
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करियर और उपलब्धियां
बी.आर. गवई का जन्म 24 नवंबर 1961 को महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और 1985 में वकालत की शुरुआत की। 2003 में बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायाधीश बने और 2019 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद पर नियुक्त हुए। अपने कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए, जिनमें सामाजिक न्याय, पर्यावरण, और संवैधानिक अधिकारों से जुड़े विषय शामिल रहे।
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बुलडोजर एक्शन पर दिया था ऐतिहासिक फैसला
जस्टिस गवई उस समय खास सुर्खियों में आए जब उन्होंने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बुलडोजर कार्रवाई (illegal demolitions) को लेकर अहम टिप्पणी की थी। उन्होंने यह स्पष्ट किया था कि किसी भी आरोपी या संदिग्ध का घर केवल इस आधार पर नहीं गिराया जा सकता कि उस पर आरोप हैं। उन्होंने कहा था कि कानून का पालन हर सूरत में होना चाहिए और किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
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