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World Heart Day 2022 : हार्ट अटैक के मामलों में पहले से 91.9 % की बढ़ोतरी, भारत के क्या है हाल

World Heart Day 2022 :भारत में 48 लाख लोग हैं दिल से बीमार, बढ़ता आंकड़ा है चिंता का विषय


Highlights –

. हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है।

. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में हृदय से संबंधित होने वाले रोगों, उनके परिणाम व उनके रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक बनाना है।

World Heart Day 2022 :हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में हृदय से संबंधित होने वाले रोगों, उनके परिणाम व उनके रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक बनाना है। इस वक्त दुनिया में सबसे अधिक हृदय रोग से होने वाली मृत्यु की दर सबसे अधिक है।

हर साल दिल से जुड़ी बीमारियों की वजह से दुनियाभर में 1.86 करोड़ लोगों की मृत्यु हो जाती है। कार्डियो डिजीज के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाने और दिल से जुड़ी बीमारियों पर रोकथाम लगाने के लिए इस दिन को वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने मनाना शुरू किया।  यह एक कार्यक्रम है, जो हर वर्ष 29 सितंबर को मनाया जाता है।

भारत में हर साल 48 लाख लोगों को होती है दिल की बिमारी। 1990 में 22 लाख लोगों को होती थी दिल की बिमारी। चलिए जरा इसकी गहराई में जाते हैं। जी हां, आपको बता दें कि पिछले 10 साल में भारत में हार्ट अटैक से होने वाली मौतें करीब 75 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट की मानें तो , 2014 से 2019 के दौरान हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में 53 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

 2014 में हार्ट अटैक से जहां 18,309 लोगों की मौत हुई थी जो आंकड़ा 2019 में बढ़कर 28,005 हो गया। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में हार्ट अटैक से 1940 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी वहीं 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 2381 हो गया। तीस से 45 साल की उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक से होने वाली मौतें बढ़ी है।

 2016 में इस आयु वर्ग के 6,646 लोगों की मृत्यु हुई तो 2019 में 7,752 लोगों का इस वजह से निधन हुआ। 45 से 60 आयु वर्ग के 8,862 लोगों की 2016 में हृदयाघात के कारण मौत हुई तो 2019 में 11,042 लोग इस वजह से जिंदगी की जंग हार गए। मामले इतने बढ़े की यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी के शोध के मुताबिक, 2017 में हार्ट फेल के केसों की संख्या 64.3 मिलियन थी जिसमें 29.5 मिलियन पुरुष थे जबकि महिलाओं की संख्या 34.8 मिलियन थी।

रिपोर्ट के अनुसार, 1990 से 2017 के बीच हार्ट फेल के मामलों में 91.9 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। अध्ययन के अनुसार 1990 से 2017 के दौरान हार्ट फेल के मामले करीब-करीब दोगुने हो गए है।

क्या आपको पता है हार्ट अटैक का मुख्य कारण क्या है क्योंकि इसे लेकर लोगों की अलग-अलग राय हो सकती हैं।आज के समय में हानिकारक खानपान के कारण बहुत सारे लोग हार्ट के मरीज होते हैं।  लोगों को यह नहीं पता होता कि जो खाना वह खा रहे हैं वो शरीर के  अंदर बीमारियों को बढ़ा रहा है।

  लोग एक मॉडर्न लाइफ जीने के चक्र में अपनी सेहत के साथ समझौता करने से बिल्कुल भी नहीं घबराते। आज के लाइफस्टाइल के अनुसार लोग फास्ट-फूड, जंक फूड, शराब, वसा वाला भोजन का सेवन करते है दूसरी तरफ वो एक्सरसाइज या योग नहीं करते। जिसका नतीजा ये होता है कि वो हृदय रोग के शिकार हो जाते है। तो चलिए आज हम आपको हार्ट अटैक के कुछ लक्षणों के बारे में बताएँगे जिन्हे देख कर आपको सावधान हो जाना चाहिए.

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हार्ट अटैक के लक्षण 

थकान होना: अगर आपने कोई काम नहीं किया, उसके बाद भी आपको थकान महसूस हो रही है तो ये हार्ट अटैक  का एक लक्षण हो सकता है। जब हृदय की धमनियां कोलेस्ट्रॉल के कारण बंद हो जाती हैं, तो हार्ट को काम करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे आपको जल्द ही थकान महसूस होने लगती है। 

सीने में असहजता: हृदय में होने वाली किसी भी प्रकार की असहजता हार्ट अटैक का एक लक्षण हो सकता है। खास तौर पर जब आपको सीने में दबाव या जलन महसूस होती होती है।

सर्दी: लम्बे समय तक आपके शरीर में सर्दी या इससे संबंधित लक्षणों का बना रहना भी हार्ट अटैक का एक लक्षण हो सकता है। सर्दी  में अगर आपको खांसी के साथ कफ और सफेद या गुलाबी रंग का बलगम आता है। तो इसका मुख्य कारण फेफड़ों में बहने होने वाले ब्लड हो सकता है। 

चक्कर आना: दिल कमजोर होने के कारण दिमाग तक आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती. जिसके कारण आपको चक्कर आना या सिर हल्का होना जैसी समस्याएं होना एक आम बात है.

सूजन: जब हमारे दिल को शरीर के अन्य अंगों तक रक्त पहुंचाने के लिए अधि‍क मेहनत करनी पड़ती है. तो इसके कारण हमारी शि‍राएं फूल जाती है. साथ ही उसमे सूजन भी आने की संभावना बढ़ जाती है.

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