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National Boss Day 2022 : बॉस के रूप में महिलाएं हैं पुरूषों के मुकाबले बेहतर Negotiator , संस्थान के बारे में सोचती हैं अधिक – रिपोर्ट

National Boss Day 2022 :बॉस बनने के लिए आप में होने चाहिए ये गुण, महिला बॉस को क्यों कहा गया है ख़ास, जानें


Highlights –

. हर साल हमारे देश में 16 अक्टूबर को नेशनल बॉस डे मनाया जाता है।

. इन लोगों के काम की तारीफ करने के लिए ही हर साल नेशनल बॉस डे मनाया जाता है।

. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में महिला बॉस पुरुष बॉस से अच्छा स्कोर करती हैं।

.  एक शोध में पता चला है कि लगभग 6 प्रतिशत महिला बॉस संस्थान के बारे में सोचती हैं ।

. पुरूषों की संख्या मात्र 3 प्रतिशत है। शोध में ये भी पता चला है कि 1.11 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में लगभग 1.37 प्रतिशत महिलाएं अच्छी negotiator हैं।

National Boss Day 2022 :हर साल हमारे देश में 16 अक्टूबर को नेशनल बॉस डे मनाया जाता है। किसी भी  संस्थान में बहुत सारे लोग काम करते हैं और ये सभी लोग एक समूह बनाकर काम करते हैं। किसी भी काम को करने के लिए लगन और मेहनत की आवश्यकता होती है। इन लोगों के काम की तारीफ करने के लिए ही हर साल नेशनल बॉस डे मनाया जाता है। आपको बता दें कि सबसे पहले नेशनल बॉस डे साल 1958 में यूनाइटेड स्टेट में मनाया गया था।

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इस दिन सभी एम्प्लाई अपने बॉस को धन्यवाद देते हैं, इसके साथ ही साथ कई सारे ऐसे एम्प्लोयी भी होते है जो अपने बॉस को गिफ्ट देना भी पसंद करते हैं। लेकिन अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं या फिर टीम लीडर है तो आपके अंदर कौन – कौन से गुण होने चाहिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

आजकल हर क्षेत्र में महिलाओं का दबदबा है। महिलायें बॉस भी कमाल की होती हैं इसलिए उन्हें ख़ास कहा जाता है।  एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में महिला बॉस पुरुष बॉस से अच्छा स्कोर करती हैं। एक शोध में पता चला है कि लगभग 6 प्रतिशत महिला बॉस संस्थान के बारे में सोचती हैं । पुरूषों की संख्या मात्र 3 प्रतिशत है। शोध में ये भी पता चला है कि 1.11 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में लगभग 1.37 प्रतिशत महिलाएं अच्छी निगोशियेटर हैं। महिला बॉस को ये सारी बातें बनाती हैं ख़ास। आगे आर्टिकल में आपको हम यह सब बताएंगे।

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EQ  पर दें ध्यान: जैसे अक्ल के लिए आईक्यू जरूरी होता है, वैसे ही टीम में ईक्यू यानि की इमोशनल कोशंट होना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। किसी भी बॉस या फिर टीम लीडर को अपनी टीम की छोटी- छोटी बातों में दखल दिए बगैर अपनी टीम को निर्देश देने चाहिए। साथ ही साथ एक टीम लीडर होने के नाते आपको अपनी टीम से आने वाले नए आइडिया के लिए अपने विचार हमेशा खुले रखने चाहिए और उन्हें अपनाने से कतराना नहीं चाहिए।

संचार संपर्क पर दें ध्यान: आपको बता दें कि किसी भी टीम में संचार और संपर्क की भूमिका बहुत ज्यादा जरूरी होती है। एक टीम लीडर को हमेशा अपनी बात को कहानियों और प्रसंगों के जरिए समझाना चाहिए।

अपनी टीम में सभी को शामिल करें: एक टीम लीडर होने के नाते आपको सभी लोगों को अपनी टीम में शामिल करना चाहिए। फिर चाहे वो मिलनसार लोग हो या फिर शर्मीले। टीम लीडर के लिए जरूरी है कि वो अपनी टीम में उन लोगों को भी जोड़े जो खिलाड़ी मैच जीता सकते हैं, मगर पूरी प्रतियोगिता जीतने के लिए सभी को एकजुट प्रयास की जरूरत पड़ती है।

योगदान: ये बात तो हम सभी लोग जानते है कि ऑफिस भले कोई सा भी क्यों न हो। हर व्यक्ति चाहता है कि टीम में उसके योगदान की सराहना हो। इसलिए सभी के प्रयासों का संदर्भ लिया जाना चाहिए। इससे किसी भी टीम में जुड़ाव की भावना उत्पन्न होती है। साथ ही साथ इससे टीम में किसी भी व्यक्ति को फीडबैक और आलोचना का भी मौका भी नहीं मिलता।

चलिए अब एक नज़र महिला बॉस पर देते हैं –

महिला बॉस होती हैं निष्पक्ष

वेस्टपोर्ट, अमेरिका की एक कंपनी में मार्केटिंग एग्ज़ेक्यूटिव्स पर किए गए सर्वे में 73 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पुरुष बॉस दूसरों की बात सुने बिना ही निर्णय ले लेते हैं, जबकि महिला बॉस के लिए यही बात केवल 20 प्रतिशत लोगों ने कही ।आज के दौर में कर्मचारी काम के लिए ऐसे वातावरण की उम्मीद करते हैं, जहां उनकी बात को सुना जाए और सही होने पर तवज्जो भी दी जाए। ‘‘मेरी टीम लीडर एक महिला हैं और वे सभी को अपनी बात कहने का मौका देती हैं। जबकि इसके विपरीत पुरुष बॉस अपने विचारों को थोपने का काम करते हैं,’’ कहना है कम्यूनिकेशन मैनेजर अंकिता शिंदे का। ‘‘वे टीम के हर सदस्य को महत्वपूर्ण महसूस कराती हैं और ये बात हमें हर वक़्त काम के प्रति प्रेरित रखती है।

महिलाओं की भावनात्मक शक्ति पुरूषों के मामलों में बेहतर

पुरुषों के व्यवहार में ही आदेश देना और नियंत्रण करना शामिल होता है, जबकि ज़्यादातर महिलाएं टीम बनाने वाली होती हैं। ‘‘पुरुष भावना और काम को अलग रखते हैं, लेकिन महिलाएं अक्सर इस दीवार को भूल जाती हैं और ये हमेशा अनप्रोफ़ेशनल नहीं होता,’’ कहती हैं बैंकिंग एग्ज़ेक्यूटिव जूड रॉड्रिग्स। यदि मेरा बॉस मेरे देर से आने का कारण पूछता है और मेरी निजी समस्याओं को सुलझाने में सहायता का रुख़ रखता है तो इससे अच्छा भला क्या हो सकता है?

Edit- Pooja Bharti

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