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भाजपा या किसी अन्य पार्टी को वोट देना पड़ा तो देगें – मायावती

चुनाव प्रचार से ज्यादा जून 1995 का केस वापस लेने पर जोर दिया


राजनीति की गलियारों में आज दिनभर बिहार चुनाव से इत्तर बीएसपी सुप्रीमो मायावती का फैसला छाया रहा है. राज्यसभा के एमएलसी के चुनाव के लिए बीएसपी का बीजेपी को वोट देने वाले बयान के बाद दिनभर यूपी के राजनीति में यह चर्चा का विषय रहा.

मुलायम के बाद अब अखिलेश की बुरी गति होगी

यूपी में राज्यसभा चुनाव की उठापटक बीच बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पर हल्ला बोल दिया. उन्होंने कहा मुलायम सिंह के बाद अब अखिलेश की बुरी गति होगी. साथ ही कहा कि हमारी पार्टी  लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए सपा से हाथ मिलाया था. लेकिन उनके परिवार में चल रही आंतरिक कलह की वजह से उन्हें बीएसपी के साथ गठबंधन का अधिक फायदा नहीं मिल सका.

आज उन्होंने स्प्ष्ट कर दिया है कि वह सपा के प्रत्याशियों को बुरी तरह हराएंगे. इसके लिए वह अपनी सारी ताकत झोंक देंगी. उन्होंने कहा अगर हमें भाजपा या किसी अन्य पार्टी को भी वोट देना पड़े तो हम वो भी करेंगे. इतना ही नहीं सपा का समर्थन करने वाले सात विधायकों का आज बीएसपी से निलंबन कर दिया गया.

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1995 का केस वापसी

यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि मैं खुलासा करना चाहती है  “जब हमने लोकसभा साथ लड़ने का फैसला किया था, तब पहले दिन से ही हमने कड़ी मेहनत की . लेकिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष सतीश चंद्र मिश्रा पहले दिन से ही मुझे केस वापस लेने की बात कहने लगे. वह कहते अब जब एसपी, बीएसपी एक हो गई है तो मुझे जून 1995 का केस वापस ले लेना चहिए. वह चुनाव प्रचार करने की बजाए मुझसे केस वापस लेने पर लगे थे”.

प्रियंका गांधी का बयान

भाजपा को समर्थन देने वाली पोस्ट पर प्रियंका गांधी ने ट्विट करते हुए लिखा इसके बाद भी कुछ बाकी है. आपको बता दें कई दिनों से मायावती के ट्वीट से यह कयास लगाया रहा था कि वह भाजपा के साथ है और उनके इस बयान ने सभी कयासों पर लगाम लगा दिया.

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