बॉलीवुड का हिट एंड फ्लॉप फॉर्मूला नही है पसंद : अमान अली खान!
मशहूर सरोद वादक अमजद अली खान के बेटे ‘अयान अली खान’ और ‘अमान अली खान’ की जुगलबंदी आपको जल्द सुनने को मिलेगी। जी हां, 3 मार्च 2016 को यह दोनों मशहूर सरोद वादक अपना लाइव परफोमेंस दिल्ली के कमानी ऑडीटोरियम में देने वाले हैं। इन दोनों सरोद वादक के साथ इस लाइव शो में दो मशहूर तबला वादक पंडित कुमार बोस और पंडित अनिंदो चटर्जी भी अपनी कला का प्रदर्शन करते दिखाई देंगे।
आपके लिए प्रस्तुत है, लाइव शो से पहले ‘अयान अली खान’ और ‘अमान अली खान’ से की गई खास बातचीत के कुछ अंश..!
- आपके इस लाइव कॉन्सर्ट में क्या खास होगा?
कमानी हॉल में शो करना हमारे लिए काफी खास है, क्योंकि जब हम छोटे थे तब हमने यहां परफोमेंस दी थी, उसके बाद इस हॉल की जब 25वीं सालगिरा हुई तब भी हमने यहां परफोर्म किया था। अब काफी लम्बे समय के बाद हम दोनों साथ में जुगलबंदी करेंगे। इस शो के जरिए कोशिश रहेगी की नए खूबसूरत राग व पिता जी की कुछ रचानाएं दर्शकों के सामने प्रस्तुत करें।
- बचपन से ही आप दोनों संगीतकार बनना चाहते थे, या फिर परिवार की परंपरा आगे के लिए इस क्षेत्र में कदम रखा?
हमेशा से घर का महौल संगीतमय था, घर में सभी सदस्यों के लिए संगीत एक जुनून था न कि कोई प्रोफेशन। बचपन से ही संगीत सिखाया गया, हमने सीखा। फिर जैसे-जैसे बड़े हुए समझ आया यही हमारे रूह की पुकार है।
- क्या आपको लगता है आज के म्युजिक ने शास्त्रीय संगीत को कही न कही पीछे छोड़ दिया है?
जी शास्त्रीय संगीत को कभी पीछे नही छोड़ा जा सकता.. इसकी शुरूआत राजा-महाराजा के समय पर हुई थी। तब आम जनता इसका लुफ्त नही उठा पाती थी। लेकिन जैसे-जैसे समय बदलता जा रहा है शास्त्रीय संगीत भी आगे बढ़ता जा रहा है। आज-कल बड़ी-बड़ी यूनिवर्सटीस में देख लो हर जगह क्लासिकल म्युजिक के कॉन्सर्ट आयोजित करवाए जाते हैं।
- आप लोगो ने अब तक किसी फिल्म में अपनी म्युजिक नही दिया, इसकी कोई खास वजह?
ऐसा नही है कि बॉलीवुड हमें पसंद नही है, लेकिन बॉलीवुड में हिट एंड फ्लॉप का फॉर्मूला है.. जिसपर हम विश्वास नही रखते। जो ज्यादा चल गया वो हिट जो नही वो फ्लॉप… यह सही नही है।
- जैसे कि आपसे साथ आपके घराने की 7वीं पीढ़ी इस संगीत क्षेत्र में हैं.. तो क्या आप अपने बच्चो के साथ से 8वीं पीढ़ी में बढ़ाएंगे?
ऐसा कुछ नही है.. रूचि की बात है.. और हमारे बच्चे भी इस क्षेत्र में रूचि दिखा रहे हैं। अगर आगे भी उन्हें इसी क्षेत्र में आगे बढ़ाना है तो जरूर 8वीं पीढ़ी भी बढ़ेगी अगर नही है तो नही बढ़ेगी। कोई जरूरी नही है कि संगीत के क्षेत्र में ही वो आगे बढ़े।