पहले इंजीनियर फिर अभिनेता और अब नेता-परेश रावल : बर्थडे स्पेशल
अपने बेमिसाल अभिनय से सब के दिलों पर राज करने वाले ‘बाबू भाई’ यानि की परेश रावल की शख्सियत किसी तारीफ के मोहताज नहीं हैं। फिल्म में हास्य अभिनय हो या फिर विलेन का रोल हो पर्दे पर परेश रावल ने बखूबी निभाया है। जिसकी बदौलत ही वह दो दशकों से लोगों के दिल में घर बनाएं हुए है।
इंजीनियर की नौकरी की तलाश करते-करते अभिनेता बन गए
परेश रावल का जन्म 30 मई 1950 को मुंबई में हुआ था। स्कूली पढाई खत्म करने के बाद परेश रावल ने इंजीनियर की पढ़ाई पूरी की। बाईस साल में इंजीनियर की पढाई पूरी करने के बाद परेश रावल भी अच्छे इंजीनियर बनना चाहते थे। इसी चक्कर में वह जॉब की तलाश करने लगे। उन्हीं दिनों उनके अभिनय को देखकर कुछ लोगों ने कहा कि वह अभिनेता के रूप में ज्यादा सफल रहेंगे। उन्हें अभिनय में हाथ आजमाना चाहिए। बस इसी बात को मानकर उन्होंने अभिनय में हाथ आजमाया और बहुत सफल रहे हैं।
परेश रावल
सह-कलाकार के तौर पर की करियर की शुरुआत
इसी बाद परेश में 1984 में फिल्म ‘होली’ से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की। फिल्मी करियर के शुरुआती दौर में ही 1980 -1990 के बीच इन्होंने 100 फिल्मों में अपना अभिनय दिया।
यहीं इनका अभिनय रुका नहीं सह-कलाकार के रूप में करियर शुरूआत करने वाले परेश रावल ने कब्जा, किंग अंकल, राम लखन, दाउद, बाजी जैसी फिल्मों में विलेन का रोल किया है। बेहतर अभिनय के लिए उन्हें साल 2014 में पद्दमश्री से नवाजा गया। इसके अलावा फिल्म फेयर, स्टार स्क्रीन अवॉर्ड, आईफा अवॉर्ड, ज़ीसीनै अवॉर्ड से नवाजा गया है।
साल 2014 में लड़ा था पहला लोकसभा चुनाव
साल 2014 से परेश ने अपना राजनीतिक करियर की शुरूआत की। पूर्वी अहमदाबाद से बीजेपी के प्रत्याशी के रूप में पहला लोकसभा चुनाव लडा। चुनाव में जीत हासिल कर वह लोकसभा के सदस्य बन गए। लेकिन अब परेश का कहना है कि नेताओं का काम बहुत डिफिकल्ट होता है।
उनका कहना है कि डायरेक्टर के कट कहने के बाद काम बंद हो जाता है। लेकिन नेता के बोलने के बाद काम शुरू हो जाता है।
परेश रावल के अनुसार नेता लोगों का काम करके देते है तो दुआएँ मिलती है नहीं तो गाली भी खानी पड़ती है।