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Aamir Khan: …जब आमिर खान की फिल्म में 5 सेकंड के रोल ने बदल दी थी इस भिखारी की किस्मत, आज नौकरी भी है गर्लफ्रेंड भी…

Aamir Khan: मनोज रॉय की कहानी बेहद दिलचस्प है। उनके लिए ये कहना गलत नहीं होगा कि ‘पीके’ में महज कुछ सेकंड के रोल ने उन्हें रंक से राजा बना दिया। आप ये बात सुनकर चौंक सकते हैं कि मनोज असल में एक भिखारी ही थे।

Aamir Khan: फिल्म PK में पांच सेकंड के रोल बदल गई थी भिखारी की किस्मत

कई सितारे फिल्मी दुनिया में आने पहले छोटे-मोटे काम करते थे। साउथ के थलाइवा रजनीकांत कभी कंडक्टर हुआ करते थे। वहीं जैकी श्राफ भी झुग्गी झोपडियों में रहा करते थे लेकिन फिल्मों में आने के बाद उनकी किस्मत बदल गई और आज वे लग्जरी लाइफ जी रहे हैं। यहां आज हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी बताएंगे जो कोई स्टार नहीं है और वो कभी सड़कों पर भीख मांगकर गुजारा करता था लेकिन आमिर खान की एक ब्लॉकबस्टर फिल्म में सिर्फ 5 सेकंड का रोल करने के बाद इसकी तकदीर ही बदल गई थी। हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं बल्कि आमिर खान स्टारर पीके में भिखारी का रोल निभाने वाले मनोज रॉय हैं।

मनोज रॉय की कहानी बेहद दिलचस्प है। उनके लिए ये कहना गलत नहीं होगा कि ‘पीके’ में महज कुछ सेकंड के रोल ने उन्हें रंक से राजा बना दिया। आप ये बात सुनकर चौंक सकते हैं कि मनोज असल में एक भिखारी ही थे। उनकी लाइफ में एक समय ऐसा था जब वो दिल्ली के जंतर-मंतर में भीख मांगकर अपना गुजर बसर करते थे। एक इंटरव्यू में मनोज ने बताया था कि एक बार दो लोगों ने उनके पास आकर पूछा कि क्या वो एक्टिंग कर सकते हैं। जिसका जवाब सुनकर वो दो शख्स भी हैरान हो गए। मनोज ने उनके सवाल के जवाब में कहा कि वो तो यहां अंधे होने की एक्टिंग ही करके अपना गुजारा कर रहे हैं।

गुजारे के लिए भीख मांगता था

उत्तर-मध्य असम के सोनितपुर जिले के बेदेती के रहने वाले, मनोज रॉय एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे हैं। मनोज के जन्म के तुरंत बाद ही उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। उन्होंने अपनी मां को खो दिया था। बाद में उनके दिहाड़ी मजदूर पिता भी बीमार पड़ गए और फिर घर की माली हालत बिल्कुल चरमरा गई। इसके बाद परिवार के लिए मनोज ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी और भीख मांगना शुरू कर दिया। बाद में मनोज नौकरी की तलाश में दिल्ली जाने के लिए ट्रेन में चढ़ गया।

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एक इंटरव्यू में किया था खुलाया

हालांकि, यहां भी मनोज हाथ में भीख का कटोरा लेकर, अंधों की तरह अभिनय करते हुए, भीख ही मांगने लगा। मनोज ने एक बार हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में अपनी कहानी बयां की थी। मनोज ने बताया था, “मैं दिल्ली में जंतर-मंतर पर भीख मांगा करता था। इसी दौरान दो सज्जन मेरे पास आये और पूछा कि क्या मैं एक्टिंग कर सकता हूं। मैंने उनसे कहा कि दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में मैं अंधे होने का अभिनय करता हूं। जाने से पहले उन्होंने मुझे एक फोन नंबर और 20 रुपये का नोट दिया था।”

‘पीके’ के लिए दिया था ऑडिशन

इसके बाद मनोज को नेहरू स्टेडियम में ऑडिशन के लिए बुलाया गया और उन्होंने आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ के रोल को पाने के लिए सात अन्य भिखारियों को हराया। उन्होंने कहा, “मैं अगले ही दिन गया और खुद को एक फिल्म यूनिट के सदस्यों के बीच पाया। मुझे सात अन्य भिखारियों के साथ ऑडिशन के लिए अलग ले जाया गया, सभी दृष्टिबाधित थे। मुझे फिल्म या अभिनेताओं की कोई परवाह नहीं थी। यह मुफ़्त था मेरे सिलेक्शन तक एक हफ्ते तक मेरे लिए भोजन ही मायने रखता था।”

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‘पीके’ में मिला था 5 सेकंड का रोल

मनोज रॉय को राजकुमार हिरानी की आमिर खान स्टारर फिल्म पीके में 5 सेकंड की भूमिका मिली थी जिसमें उन्होंने एक अंधे भिखारी की भूमिका निभाई। उन्हें अंधे बिखारी के किरदार में तब तक खड़े रहना था, जब तक आमिर खान आकर उनके कटोरे से सिक्के न उठा ले। इस फिल्म में अनुष्का शर्मा और सुशांत सिंह राजपूत के साथ अन्य कलाकारों ने भी अहम रोल प्ले किए थे। ‘पीके’ ब्लॉकबस्टर साबित हुई, फिल्म ने दुनिया भर में 722 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था।

5 सेकंड के रोल ने बदल दी थी किस्मत

उसी इंटरव्यू में मनोज रॉय ने खुलासा किया था कि ‘पीके’ में आने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई थी। इस फिल्म से कमाए गए पैसों से मनोज ने अपने गांव में एक नई दुकान खरीदी और कहा, “फिल्म से कमाए गए पैसों से मैं अपने गांव लौट आया। मेरे पास गांव की एक दुकान में नौकरी है, एक फेसबुक अकाउंट है और एक गर्लफ्रेंड भी है, लोग अब मुझे पीके हनी सिंह कहते हैं। यह सब फिल्म की वजह से ही संभव हुआ है।”

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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