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सावन का महत्व: प्रदोष व्रत के दिन आप भी कर सकते है भगवान शिव की विशेष उपासना
धार्मिक

सावन का महत्व: प्रदोष व्रत के दिन आप भी कर सकते है भगवान शिव की विशेष उपासना

"सावन मास के तीसरे प्रदोष में भगवान शिव की उपासना से आत्मा में शांति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है, जो जीवन को आदर्श दिशा प्रदान करती है।"

 सावन का महत्व:शिवलिंग की पूजा से पाएं मनोबल और शांति


प्रदोष व्रत का महत्वपूर्ण दिन आ रहा है, जिसमें हम भगवान शिव की विशेष उपासना करेंगे। यह व्रत रखने से मान्यता है कि हम भगवान शिव के आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं। इस बार सावन मास के तीसरे प्रदोष व्रत का आयोजन होने वाला है।

सावन मास का तीसरा प्रदोष व्रत:

यह व्रत सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आयोजित किया जाता है। इस दिन हमें भगवान शिव की पूजा करने का अवसर मिलता है और हम उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग की पूजा की जाती है और उसे दूध, बिल्व पत्र, धातु कलश आदि से सजाया जाता है।

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https://youtu.be/PlGMsBOK0tQ

सावन के तीसरे प्रदोष व्रत की तिथि और मुहूर्त:

  • व्रत आरंभ: 13 अगस्त, रविवार, सुबह 8:19 बजे
  • व्रत समापन: 14 अगस्त, सोमवार, सुबह 10:25 बजे

पूजा मुहूर्त:

  • पूजा आरंभ: रात 7:03 बजे
  • पूजा समापन: रात 9:12 बजे
  • पूजा अवधि: 2 घंटे 9 मिनट

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सावन अधिक प्रदोष व्रत की पूजा विधि:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • भगवान शिव के प्रतीक को दूध या गंगाजल से अभिषेक करें।
  • प्रदोष काल में पंचामृत से रुद्राभिषेक करें।
  • ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • भगवान शिव को भोग लगाएं और आरती करें।

सावन अधिक प्रदोष व्रत का महत्व:

  • शिव जी प्रसन्न होते हैं और कृपा बरसाते हैं।
  • वैवाहिक सुख में वृद्धि होती है।
  • संतान से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।
  • आर्थिक संकट में राहत मिलती है और घर में धन की वर्षा होती है।
  • ग्रहों की बाधा दूर होती है और जीवन में शांति बनी रहती है।


सावन के तीसरे प्रदोष व्रत का पालन करके आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं। इस व्रत की पूजा विधि का पालन करके आप आत्मा को शांति प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सफलता की ओर अग्रसर कर सकते हैं।

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