क्या आप जानते है लोहड़ी का महत्व?
आइये आपको बताते है लोहड़ी का महत्व
हर साल 13 जनवरी यानि मकर सक्रांति की पूर्व संध्या को पंजाब हरियाणा वा पडोसी राज्यों में बड़ी धूम धाम से लोहड़ी का प्रसिद्ध त्योहार मनाया जाता है। पंजाबियों के लिए लोहड़ी खास महत्व रखती है। जिस घर में नई शादी हुई हो या बच्चा हुआ हो उन्हें विशेष तौर पर बधाई दी जाती है। पंजाबी लोग काफी मस्ती भरे लोग होते हैं, जिन्हें नांचना-गाना काफी पसंद होता है। लोहड़ी की शाम को इकठ्ठा की हुई लकड़ी से आग जलाई जाती है और लोग अग्नि के चारो ओर चक्कर काटते हुए नाचते-गाते हैं व आग मे रेवड़ी, मूंगफली, खील, मक्की के दानों की आहुति देते हैं। आइये आपको बताते है लोहड़ी का महत्व

आइये जानते हैं कि लोहड़ी के पर्व के पीछे क्या कहानी छुपी हुई है।
लोहड़ी त्योहार के उत्पत्ति के बारे में काफी मान्यताएं हैं अनेक लोगों का मान ना है की इस पर्व को उस दिन मानते है जब सर्दियों में यह सबसा छोटा दिन और रात साल की सबसे बड़ी रात होती है लेकिन ये केवल मान्यता है क्योंकि साल का सबसा छोटा दिन और रात 21 दिसंबर को होता है कई लोगो का मानना ये भी है की लोहड़ी को पारम्परिक रूप से रबी की फसल से जोड़ा जाता हैं !
∙ लोग पारम्परिक तौर पर अपने धार्मिक स्थान पर मूंगफली, आटा, रेवड़ी, मक्खन आदि चीजों को चढाते हैं और अपने अच्छी फसल के लिए भगवान को धन्यवाद प्रदान करते हैं।
∙ लोहड़ी शब्द को लेकर भी कई मान्यतें है कई लोग मानते है की लोहड़ी शब्द लोई (संत कबीर की पत्नी) से उत्पन हुआ था लेकिन वाही कुछ कहते है की ये तिलोड़ी से उत्पन्न हुआ मानते है जो बाद में लोहड़ी हो गया. लोहड़ी के गानों का केंद्र बिंदु दुल्ला भट्टी को ही बनाया जाता हैं।
∙ दुल्ला भट्टी एक विद्रोही था जिसने अमीरों को लूट कर गरीबों की मदद की और लड़कियों की शादी भी करवाई।
∙ लोहड़ी की शाम को अलाव भी जलाये जाते हैं। कई जगहों पर गाय के गोबर से लोहड़ी के देवता भी बनाये जाते हैं और सजाये जाते हैं। फिर उसे आग में नीचे डाल कर उसके बाद उनकी प्रशंसा में गीत गाकर उस अलाव के चारों और सामूहिक नृत्य करते हैं।
∙ आखिर में सभी को प्रशाद दिया जाता है जिसमें से तिल, गजक, गुड, मूंगफली और लावा शामिल होता है।लोहड़ी की सुबह छोटे बच्चे पड़ोसियों के घर घर जा कर गाने गा कर आग जलाने के लिये लकडियां मांगते हैं।
∙ इसे लोहड़ी लूट के नाम से भी जाना जाता है जिसमें वे या तो पैसा मांगते हैं या फिर खाने के लिये तिल, गुड़, मूंगफली मांगते है।