लाइफस्टाइल

5 चीजें जो हर वर्किंग मॉम्स को  करनी पड़ती है फेस

कैसे बैलेंस करें अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ?


एक लड़की जब  शादी कर के दूसरे घर जाती है तो उसकी जिंदगी काफी हद तक बदल जाती है। लेकिन जब वो माँ बनती है तब उसकी जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है लोगों की उम्मीदें भी उससे बढ़ जाती है। वर्किंग हर माँ होती है फिर चाहे वो बाहर जा कर जॉब कर रही हो या घर पर रह कर अपने बच्चों की परवरिश। माँ अपना सब कुछ छोड़ कर पूरी जी जान लगा देती है अपने बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए। वो अपना करियर अपने सपने सब कुछ छोड़ कर अपने बच्चे को एक अच्छी परवरिश देती है परन्तु इतना कुछ करने के बाद भी उनको काफी कुछ सुने को मिलता है खास कर वर्किंग मॉम्स को, तो चलिए आज जानते है वर्किंग मॉम्स को किस तरह की प्रोब्लेम्स फेस करनी पड़ती है।

बच्चों से ज्यादा करियर से प्यार: जब कोई महिला बच्चे को जन्म देने के बाद ऑफिस जाना शुरू करती है तो बहुत से लोगों का कहना होता है ‘इससे तो अपने  बच्चे से प्यार ही नहीं है इसके लिए करियर ही सब कुछ है’ जबकि ऐसा कुछ नहीं होता। जब भी कोई महिला माँ बनने का फैसला लेती है तो उसके लिए बच्चे की जिम्मेदारी सबसे पहले होती है। वो अपने ऑफिस और अपने बच्चे दोनों चीजों में बैलेंस बना कर चलती है वो दोनों जिम्मेदारी बहुत अच्छे से निभाती है।

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स्वार्थी होती है: बहुत से लोग बच्चा होने के बाद महिलाओं का जॉब करना पसंद नहीं करते उनको लगता है इससे महिलाएं स्वार्थी हो जाती है। वो अपने काम के कारण बच्चे पर ध्यान ही नहीं देती जबकि ऐसा कुछ नहीं होता। शायद जो लोग ऐसी सोच रखते है उन्होंने कभी बच्चा और ऑफिस साथ में सभाले ही नहीं। क्योकि जब एक माँ सुबह उठ कर, सबका खाना बना कर, बच्चों को स्कूल भेज कर, अपनी जॉब पर जाती है तो इसमें क्या गलत है अगर वो जॉब कर भी रही है तो अपने बच्चे को एक अच्छी परवरिश और अच्छा करियर देने के लिए ही कर रही है तो इसमें स्वार्थी होने वाली कौन सी बात है।

घर का काम नहीं आता: घर का काम करना सिर्फ औरत की जिम्मेदारी नहीं होती, घर जितना औरत का होता है उतना ही पुरषों का भी होता है लेकिन हमारे यहाँ लड़कियों को गर्भ से सिखाया जाता है कि पुरुष घर के कामों में कच्चे होते है इसलिए तुमको ही सारे काम करने है। जब कोई औरत जॉब करती है। तो वो अपने पार्टनर से भी उम्मीद करती है कि वो उसको घर के कामों में मदद करें। लेकिन इससे लोगों को ऐसा लगता है कि वह घर का काम करना नहीं चाहती या उससे घर के काम करने नहीं आते।

बच्चों का बिगड़ना: कुछ लोगों का माना होता है कि जो महिलाएं वर्किंग होती है उनके बच्चे बिगड़ जाते है क्यों कि उनको माँ और बाप का पूरा समय और पूरा प्यार नहीं मिलता पता। जबकि ऐसा कुछ नहीं होता। पैरेंट्स अपने बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए वर्किंग ऑवर एडजस्ट करते है ताकि वो अपने बच्चे को पूरा टाइम दे पाए। अगर कोई बच्चा बिगड़ता है तो उसका उसकी माँ की जॉब से कोई लेना देना नहीं होता।

परिवार पर ध्यान नहीं देती: लोगों का माना होता है कि जो महिलाएं नौकरी करती है वो अपने घर और बच्चों का अच्छे से ध्यान नहीं रख पाती। जबकि ऐसा कुछ नहीं होता। वो अपने ऑफिस और घर दोनी की जिम्मेदारियां बखूबी निभाती है। और दूसरी बात ये भी है कि घर और परिवार का ध्यान रखने की जिम्मेदारी सिर्फ औरत की नहीं होती। ये जिम्मेदारी दोनों की होती है कि वो अपने घर और बच्चों का अच्छे से ध्यान रखे।

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