आखिर क्यों है फ़ोर्स 2 बेहतरीन एक्शन फिल्म
फिल्म समीक्षा : फ़ोर्स 2
- कलाकार: जॉन अब्राहम, सोनाक्षी सिन्हा, ताहिर राज भसीन, नरेंद्र झा
- निर्देशक : अभिनय देव
- शैली : एक्शन-थ्रिलर
- अवधि : 2 घंटे 6 मिनट
- रेटिंग : कहानी – 4/5
- पटकथा – 4/5
- किरदार – 4/5
- निदेर्शन – 4/5
- कुल- 4/5

जॉन अब्राहम और सोनाक्षी सिन्हा की फ़ोर्स 2 का इंतज़ार हर कोई बहुत ही बेसब्री से कर रहा है। ये फिल्म 2011 में आयी फ़ोर्स, जिसमे जॉन अब्राहम और जेनिलिया मुख्य किरदार में थे, का सीक्वल है। 2011 में रिलीज़ हुई फ़ोर्स, तमिल फिल्म ‘काखा काखा’ का रीमेक था। पर फ़ोर्स 2 नई और मूल कथानक पर आधारित है। 2011 में जॉन ने सभी एक्शन प्रेमियों को एक अच्छी फिल्म दिखाई थी। और इस बार भी उन्होंनो कुछ ऐसा ही किया है। अभिनय देव की निर्देशन में बनी ये फिल्म पहले कई ज़्यादा बड़ी और गंभीर साजिश पर आधारित है। अच्छी बात तो ये है कि इस फिल्म में, पहली फिल्म से पूरा संबंध है और उसी के आधार पर इस सीक्वल को आगे बढ़ाया गया है।
कहानी
फिल्म की शुरुआत, पिछली फिल्म से पांच साल बाद होती है। यश (जॉन अब्राहम) अपनी बीवी की मौत की वजह से पागल हो जाते है। वो कहते भी है कि, ‘ पांच साल पहले मेरी बीवी मर गई थी। तब से मैं सटक गया हूं। के.के. (सोनाक्षी सिन्हा) के साथ मिल कर वो उन हत्यारों को ढूंढते है जिन्होंने चीन में रॉ के तीन एजेंट्स को मार दिया होता है। ये दोनों ही मिलकर शिव (ताहिर राज भसीन), एक खूंखार आतंकी को पकड़ते है।
क्या देखे
इस फिल्म में सभी कुछ बहुत ही रोमांचक है। शुरुआत से लेकर अंत तक, आप इस फिल्म में बंधे रहते है। इसकी कहानी से लेकर, एक्शन सीन्स और पात्र निर्धारण सब बहुत अच्छा है। पूरी फिल्म बहुत गंभीर है। जॉन अब्राहम का काम बहुत ही अच्छा है। उन्होंनो अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है। उनके एक्शन सीन्स और उनके डायलॉग बहुत ही सही ढंग से निभाए गए है। सोनाक्षी सिन्हा का किरदार भी बहुत अच्छा है। उन्होंनो कुछ भी ज़रूरत से ज़्यादा नहीं किया और जॉन के किरदार को पूरा समर्थन दिया है। ताहिर राज भसीन ने तो मानो इस फिल्म में जान डाली है। इस पूरी फिल्म में, सभी साजिशें और हत्याओं में इन्ही का हाथ होता है। इस मूवी के एक्शन सीन्स काफी अच्छे है और इन्हें गलती से भी अनदेखा मत कीजिएगा।
क्या ना देखे
इस फिल्म में ऐसे हिस्से बहुत कम है जिन्हें अनदेखा किया जाए। पर कुछ जगहों पर सोनाक्षी अपने किरदार में नहीं ढल पाती। रॉ एजेंट होने के बावजूद उन में थोड़ी हिचकिचाहट होती है और वो खुल के इस किरदार में नहीं आ पाती।
ये फिल्म सिर्फ उनके लिए नहीं है जिन्हें एक्शन पसंद है, पर ये हर उस व्यक्ति के लिए है जिसे फिल्मे देखना पसंद है। कहानी और किरदार आपको इस फिल्म में उलझाए रखते है।