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जिंदगी में पाना चाहते है सफलता तो खुद को कभी न करे निराश

यह हैं वो 5 शख्सियत जिन्होंने निराशा में भी की सफलता हासिल


निराशा सफलता की सीढ़ी चड़ने का एक ज़रीया है।  जी हाँ, हमारे देश में भी बहुत से ऐसे लोग है जिन्होंने असफलता से निराश न होकर उस से एक सबक ली है और अपने जीवन में एक अलग पहचान बनाई हैं । आज हम आपको कुछ ऐसे ही बड़े हस्तियों के बारे में बताएँगे  जिन्होने अपने जीवन में असफलता के बाद सफलता को हाथ लगाया है ।

1. अमिताभ बच्चन:

अगर आप सोच रहे है की पर्दे पर चमकते सितारो कि जिंदगी हमेशा जगमाती रहती है तो आप गलत सोच रहे  है। बॉलीवुड के कई सितारे ऐसे है जिन्होने फर्श से लेकर अर्श तक का सफर तय किया है। जी हाँ,  हमारे महानायक अमिताभ बच्चन। आपको बता दे की अमिताभ बच्चन की जिंदगी काफी संघर्ष भरी रही है । शायद आपको पता ना हो मगर अमिताभ जब अलाहबाद से मुंबई आऐ थे तब उनके पास रहने के लिए  घर भी नही था और उन्होने अपनी काफी रातें  मरीन ड्राइव के पास गुज़ारी है। सिर्फ इतना ही नही अमिताभ हमेशा से ही इंजीनियर बनना चाहते थे और एयर फोर्स में जाना चाहते  थे। यहा तक की उनकी पहली सैलरी 300 रूपये थी ।

2. धीरूभाई अम्बानी:

‘अगर आप अपने सपनों का निर्माण नहीं करेगे तो कोई और अपने सपने सच करने के लिऐ आपका उपयोग करेगा। ये शब्द है उस व्यक्ति के जो कभी भज्जी बैचा करता था, किसे पता था की एक दिन भज्जी बेचने वाला ये लड़का बड़ा होकर इतना बड़ा बिजनेसमैन बनेगा।धीरूभाई का आत्म विश्वाश बचपन से ही चरम पर ही था। एक दिन जब धीरूभाई कि मॉ ने उन्हे और उनके भाई को पिता के साथ पैसे कमाने के लिऐ साथ जाने को कहॉ तो धीरूभाई अम्बानी गुस्सा हो गए और तब उन्होने अपनी मॉ से कहा की हरदम आप पैसे–पैसे क्यों करती हो, एक दिन मैं पैसों का अम्बार लगा दूगां।

3.नरेंद्र  मोदी:

हमारे देश में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी चॉय बनाने वाले ने देश की कमान संभाली हो और देश को एक नई और अलग मुकाम पर ले कर गया  हो। जी, हॉ हम बात कर रहे है हमार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की। मोदी जी कि सफलता की अहम वजह है की वो बहुत ज्यादा मेहनत करते है। चुनावो के समय वो केवल 3-4 घंटे काम करते है। नरेंदर मोदी में गज़ब का आत्मविशवास है जो उनके चेहरे पर दिखता है।

4. शिव खेड़ा:

शिव खेड़ा वो इंसान है जिन्होने अपने विश्वास के दम पर काफी लोगो के मोटीवेट किया । शिव खेड़ा की सबसे प्रसिद्ध पुस्तक ‘यू कैन विन’ में उन्होने काफी ऐसी छोटी-छोटी कहानीया बताई है जिसमें वो लोगो को मोटीवेट करने की कोशिश कर रहे है। उन्होने इस किताब को अपने जीवन से प्रेरित होकर उनको कहानियों  के रूप में बना कर लोगो को मोटीवेट करने कोशिश की  है, और सब से बड़ी बात है कि काफी लोग उनसे मोटीवेट होते है।

5. नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी:
जब भी बुरा वक्त आता है तब सब यही बोलते है दोस्त हौसला रखो ये वक्त जल्दी बीत जाऐगा। वैसे तो हर बुरा वक्त बीत जाता है मगर जिस पर बुरा वक्त आता है  उससे पूछो वो हर पल कैसे गुज़ार रहा है। लेकिन सच बात तो ये है कि वो सपने हमने अपने बुरे वक्त पर देखे होते है वो हम कभी नही भूलते है। हम बात कर रहे है नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की जो अपने जीवन में कभी केमिस्ट तो कभी वॉचमेन बने। लेकिन वो दिल्ली क्यों आऐ ये बात खुद नव़ाज़ भी नही जानते थे। फिर उनके दोस्त ने उनहे थिएटर कि दुनीया दिखाई उसके बाद नव़ाज़ को समझ आगया कि उनहे क्या करना है। फिर उन्होने एनएसडी में एडमिशन लेलिया और चार साल तक वो उधर हि काम करते और एक्टिंग सीखते रहे। काफि मशक्त के बाद अनुराग कशयप ने नव़ाज़ को वादा किया की वो उन्हेने अपनी किसी फिल्म जरूर रोल देगे और फिर आई गैंग्स ऑफ़ वस्सेपुर जिसने नव़ाज़ कि जींदगी हि बदल दी ।

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