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Supreme Court on Demonetisation: नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा फैसला, जानें ये पांच बड़ी बातें

Supreme Court on Demonetisation: नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले को बताया वैध, सारी याचिकायें की खारिज

Highlights

  • 8 नवंबर 2016 का केंद्र सरकार ने देश भर में अचानक नोटबंदी लागू कर दिया था।
  • इस फैसले के तहत देश में 500 और 1000 के सभी नोटों को चलन से बाहर कर दिया था।
  • इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।

8 नवंबर 2016 का केंद्र सरकार ने देश भर में अचानक नोटबंदी लागू कर दिया था। इस फैसले के तहत देश में 500 और 1000 के सभी नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। इसका सबसे बुरा प्रभाव देश की आम जनता को पड़ा। देशभर में लोग नोट बदलवाने के लिए बैंकों, एटीएम की लाइन में लगने से काफी परेशान हुए।

आपको बता दें नोटबंदी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 58 याचिकाएं दाखिल की गई थीं।

आज यानी 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर बड़ा फैसला सुनाया है।

न्यायमूर्ति एस . ए. नज़ीर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि इस संबंध में फैसला भारतीय रिज़र्व बैंक और सरकार के बीच विचार – विमर्श के बाद किया गया।  आइये एक नज़र डालते हैं उन पांच बातों पर जो सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के वक्त कही।

अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को वैध करार दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये पांच बातें बोली हैं –

  1.  साल 2016 में हुए नोटबंदी को सुप्रीम कोर्ट ने वैध करार दिया है। न्यायालय ने कहा कि आठ नवंबर 2016 की अधिसूचना को अनुचित नहीं ठहराया जा सकता और फैसला करने की प्रक्रिया के आधार पर इसे रद्द नहीं किया जा सकता है।
  2. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से केंद्र को राहत मिली है। कोर्ट ने सभी 58 याचिकाएं खारिज कर दी है और कहा है कि नोटबंदी के फैसले में कोई त्रुटि नहीं है।
  3. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नोटबंदी कार्यपालिका की आर्थिक नीति, नोटबंदी के फैसले को उलटा नहीं जा सकता है।
  4. बता दें कि नवंबर 2016 के 1000 रुपये और 500 रुपये के करेंसी नोटों पर प्रतिबंध लगा दिए थे।
  5. सुप्रीम कोर्ट में 4:1बहुमत से सही ठहराया गया फैसला।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद को नोटबंदी के मामले में कानून पर चर्चा करनी चाहिए थी, यह प्रक्रिया गजट अधिसूचना के जरिए नहीं होनी चाहिए थी। उनके अनुसार, देश के लिए इतने महत्वपूर्ण मामले में संसद को अलग नहीं रखा जा सकता इससे पहले, वर्ष 2016 में की गई नोटबंदी की कवायद पर फिर से विचार करने के सर्वोच्च न्यायालय के प्रयास का विरोध करते हुए सरकार ने कहा था कि अदालत ऐसे मामले का फैसला नहीं कर सकती है, जब ‘‘ बीते वक्त में लौट कर ’’ कोई ठोस राहत नहीं दी जा सकती है. शीर्ष अदालत ने केंद्र के नोटबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, 4:1 के बहुमत के साथ फैसले को सही ठहराया है।

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चलिए एक नज़र डालते हैं नोटबंदी के समय सरकार के अनुसार नोटबंदी से होने वाले फायदों के बारे में-

  • भ्रष्टाचार पर लगाम
  • कैशलेस इकोनॉमी
  • नकली करेंसी पर लगाम
  • रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शी की उम्मीद
  • काले धन के खत्म होने की आशा

नोटबंदी से हुए नुकसान

विशेषज्ञों की मानें तो नोटबंदी की वजह से देश को ये पांच नुकसान पहुंचे हैं-

  • जीडीपी का लुढ़कना
  • बेरोजगारी का बढ़ना
  • बैंकों का कर्ज बढ़ना
  • नहीं बढ़ी सरकार की कमाई
  • आम आदमी की सेविंग घटना

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