सामाजिक

ब्लैक होल्स कि रिसर्च पर उसकी थ्योरी बदलने वाले “हॉकिंग” ने दुनिया को कहा अलविदा

ऑथर और महान साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिंग का 76 साल कि उम्र में हुआ निधन


बात ऑथर कि हो या किसी बड़े साइंटिस्ट कि लेकिन उनकी छाप उनके कामो से रहती है  जिन्हें दुनिया हमेशा याद रखती है. ऐसे ही अपनी छाप छोड़ गए है स्टीफन हॉकिंग.

स्टीफन हॉकिंग एक आचे ऑथर ही नहीं बल्कि एक महान वैज्ञानिक भी थे उन्‍होंने हॉकिंग रेडिएशन, पेनरोज-हॉकिंग थियोरम्‍स, बेकेस्‍टीन-हॉकिंग फॉर्मूला, हॉकिंग एनर्जी समेत कई अहम सिद्धांत दुनिया को दिए, ब्लैक होल्स पर रिसर्च कर के उसकी थ्योरी को पूरी तरह से बदल देने वाले स्टीफन हाकिंग ने आज दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.

Representative Image
Representative Image

उनका निधन 76 साल कि उम्र  में हुआ ऐसा कहा गया है कि स्टीफन हॉकिंग मोटर न्यूरॉन कि बीमारी से पीड़ित थे. इस बीमारी में पूरा शरीर पैरालाइज्ड हो जाता है. व्यक्ति सिर्फ अपनी आंखों के जरिए ही इशारों में बात कर पाता है. 1963 में उनकी इस बीमारी के बारे में पता चला था. तब डॉक्टरों ने बोला था कि स्टीफन सिर्फ दो साल और जिंदा रह पाएंगे फिर भी उन्होंने अपनी पढाई आगे जरी रखी और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में आगे की पढ़ाई करने गए और एक महान वैज्ञानिक के रूप में जाने भी गए .

Also Read : गर्मियों के मौसम में खाए लाइट फ़ूड

स्टीफन हव्किंग के बारे में जाने ये कुछ ख़ास बाते :

  1. उन्हें अमेरिका के सबसे उच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जा चूका था
  2. ब्रह्मांड के रहस्यों पर उनकी किताब ‘अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ काफी चर्चे में आई
  3. अपनी किताब में उन्होंने बिग बैंग सिद्धांत, ब्लैक होल, प्रकाश शंकु और ब्रह्मांड के विकास के बारे में नई खोजों का दावा कर दुनिया भर में तहलका मचाया
  4. उनकी अपनी किताब कि करीब 1 करोड़ कॉपीस बिक चुकी है.
  5. उनकी अपनी व्हील चेयर से वो इन सभी चीजों कि खोज किया करते थे

भले ही आज स्टीफन हाकिंग हम सभी के बाच नहीं रहे है लेकिन उनको और उनके कामो को हमेशा याद किया जायेगा वे हमेशा सबके दिलो में जिंदा रहेंगे. वे हमेशा सबके लिए प्रेरणा बनके रहेंगे

Have a news story, an interesting write-up or simply a suggestion? Write to us at info@oneworldnews.in

Back to top button