विद्यार्थियों के लिए विशेष है सरस्वती पूजा
हर गली मोहल्ले में मिलेगी सरस्वती मां की प्रतिमा
देश में जहां एक ओर बसंत पंचमी की धूम ही वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में सरस्वती पूजा मनाई जा रही है। इन तीनों राज्यों के लगभग हर गली मोहल्ले में आपको सरस्वती मां की प्रतिमा और पंडाल मिल जाएंगे। यह देशी कैलेडर के हिसाब से माघ महीने में मनाई जाती है।
यह त्यौहार विशेष तौर पर विद्यार्थी मनाते है। कहा जाता है कि मां सरस्तवी विद्या की दानी है। इसलिए विद्यार्थी उसकी अराधना करते है।
चलिए आपको बताते है इन तीनों राज्यों में कैसे मनाई जाती है सरस्वती पूजा

उपवास रखना
आज के दिन सभी विद्याथी उपवास करके मां सरस्वती की वंदना करते हैं। उपवास रखकर सरस्वती मां की पूजा करते है ताकि मां सरस्वती उन्हें ज्ञान दें। कई विद्यार्थी तो अपने घर में ही इसका स्थापना करते हैं।
किताबों की पूजा करना
आज के दिन विद्यार्थी किताब, पेन की पूजा करते है। मां सरस्वती को श्रद्धा देने के लिए आज और कल दो दिन पढ़ाई लिखाई का कोई काम नहीं करते है।
बेर खाना
सरस्वती पूजा की प्रसाद में बेर जरुर होता है। यह प्रसाद का मुख्य आहार है। आज के बाद से लोग बेर खाना शुरु करते है। इससे पहले लोग बेर नहीं खाते है। कहा जाता है कि बेर मां सरस्तवती को प्रसाद के रुप में चढाया जाता है। इसलिए अगर उससे पहले खा लेगें तो वह जूठा हो जाएगा।
सिजानो खाना
आज के दिन बंगालियों के घर में विशेष खाना बनाया जाता है। आज के दिन मिक्स दाल में विभिन्न प्रकार की सब्जियां डालकर बनाई जाती है। साथ में चावल। यह खाना बंगाली लोग आज नहीं खाएंगे ब्लकि दूसरे दिन खाते हैं।
ज्यादातर ट्यूशन में हैं खाना खिलाने का प्रचलन
यहां ज्यादातर ट्यूशन में सरस्वती पूजा में स्टूडेंस को खाना खिलाने का प्रचलन है। यहां ज्यादातर मास्टर्स चिल्ड्रन डे के दिन नहीं ब्लकि सरस्वती पूजा के पावन मौके पर अपने स्टूडेंस को पार्टी देते हैं।
खिचड़ी
सरस्तवी पूजा की विर्सजन से पहले जहां-जहां सरस्वती पूजा की स्थापना की जाती है। वहां-वहां खिचड़ी खिलाई जाती है। यह खिचड़ी प्रसाद के तौर पर खिलाई जाती है।