Republic Day 2022 : संविधान के इतिहास के बारे में नहीं जानते होंगे आप इन बातों को! जानिए टॉप मुख्य अतिथियों की सूची!

Republic Day 2022 : पाकिस्तान के मलिक गुलाम मोहम्मद थे भारत के राजपथ में शामिल होने वाले पहले मुख्य अतिथि। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय भी बनकर आ चुकी है मुख्य अतिथि
Highlights:
- Chief Guests on Indian Republic Day Parade: क्या है गणतंत्र दिवस का इतिहास?
- क्या थी डॉ बी आर अंबेडकर की भूमिका?
- कैसे चुने जाते है मुख्य अतिथि?
Republic Day 2022 : भारत में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक गणतंत्र दिवस का त्यौहार आ चुका है। गणतंत्र दिवस भारत में हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है, सन 1950 के इस दिन को भारत का संविधान लागू हुआ था।
भारत 200 से अधिक वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी में था और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के बाद ब्रिटिश राज के शासन से स्वतंत्र हो गया। जबकि भारत 14 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ, फिर भी तब तक इस देश का कोई स्थायी संविधान नहीं था और भारतीय कानून ब्रिटिश स्थापित भारत सरकार अधिनियम 1935 के संशोधित संस्करण पर आधारित थे।
हालांकि, दो हफ्ते बाद 29 अगस्त 1947 को, एक स्थायी भारतीय संविधान के प्रारूपण के लिए एक समिति नियुक्त की गई, जिसके अध्यक्ष डॉ बी आर अंबेडकर थे। कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार संविधान को तैयार किया गया और आखिरकार 24 जनवरी 1950 को विधानसभा सदस्यों ने संविधान की दो हस्तलिखित प्रतियों पर हस्ताक्षर किए, एक अंग्रेजी में और एक हिंदी में। दो दिन बाद यानि 26 जनवरी 1950 में एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ संविधान लागू हुआ और इतिहास रच दिया गया। इसने देश के एक संप्रभु गणराज्य बनने के संक्रमण को पूरा किया। उस दिन डॉ. राजेंद्र प्रसाद का भारतीय संघ के अध्यक्ष के रूप में पहला कार्यकाल शुरू हुआ।
तब से लेकर अब तक हर साल गणतंत्र दिवस पर भारत की ओर से विश्व के कई लोकप्रिय और प्रभावशाली हस्तियों को इस दिन के लिए आमंत्रित किया जाता रहा है मगर कोरोना महामारी के कारण पिछला वर्ष एकमात्र ऐसा वर्ष था जब इस दिन कोई विदेशी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल नहीं हो पाये थे।

भारत में महामारी फैलने से पहले, 2020 में लगभग 1.25 लाख लोगों को परेड में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। मगर इस साल भी महामारी के कारण लगभग 24,000 लोगों में से, 19,000 लोगों को आमंत्रित किया जाएगा और बाकी आम जनता होंगे जो गणतंत्र दिवस परेड के लिए टिकट खरीद सकेंगे।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, परेड में सभी COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा और बैठने की व्यवस्था करते समय सामाजिक दूरी के मानदंडों का ध्यान रखा जाएगा, इसके साथ ही मास्क पहनना अनिवार्य होगा और सैनिटाइजर डिस्पेंसर हर जगह उपलब्ध रहेंगे।
भारत के प्रारंभिक चार गणतंत्र दिवस परेड 1950 से 1954 को विभिन्न स्थानों जैसे लाल किला, रामलीला मैदान, इरविन स्टेडियम, किंग्सवे पर आयोजित किया गया था। हालांकि , 1955 में, राजपथ को गणतंत्र दिवस समारोह के लिए स्थायी स्थल के रूप में चुना गया था। आइए इस लेख में हम आगे जानते है की 1950 के पहले गणतंत्र दिवस से अब तक कोन से नामचीन जाने -माने हस्ती मुख्य अतिथि के रूप में आ चुके है।
मलिक गुलाम मुहम्मद
1955 में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाले पहले मुख्य अतिथि थे पाकिस्तान के तत्कालीन गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद। यह उन बहुत कम अवसरों में से एक था जब किसी देश के मुखिया के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने स्वतंत्र भारत का दौरा वर्ष 1961 में देश के गणतंत्र दिवस के अवसर पर किया था, जब उन्हें राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा इस अवसर के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
मोहम्मद जहीर शाह
अफगानिस्तान के अंतिम राजा मोहम्मद जहीर शाह सन 1967 में भारत देश के गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आए थे। उन्हें राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा आमंत्रित किया गया था।

नेल्सन मंडेला
दक्षिण अफ्रीका के पहले राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने सन 1995 में भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के आमंत्रण पर देश के गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि बनकर आए थे।
बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव
सन 1999 के गणतंत्र दिवस दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आए थे सबसे प्रसिद्ध नेपाली राजा बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव। उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायणन ने आमंत्रित किया था।
व्लादिमीर पुतिन
रूस के सबसे प्रख्यात राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मुख्य अतिथि के रूप में सन 2007 के गणतंत्र दिवस दिवस के अवसर पर मेजबानी भारत ने की।
बराक ओबामा
अमेरिका के 44वें और सबसे चाहिते राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा ने वर्ष 2015 के गणतंत्र दिवस दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत पधारे थे। तब भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हुआ करते थे।
जेयर बोल्सोनारो
देश के 71वी गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियस बोल्सोनारो आए थे। यह तीसरी बार था जब ब्राजील का कोई राष्ट्रपति देश के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहा था।

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आइए जानते है की भारत के गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि कैसे चुना जाता है?
गणतंत्र दिवस से छह महीने पहले, भारत सरकार या तो राज्य के प्रमुख या सरकार को निमंत्रण भेजती है, जो संबंधित देश के साथ भारत के संबंध के अधीन है। निमंत्रण भेजने से पहले, भारत के राष्ट्रपति से मंजूरी के अलावा भारतीय प्रधान मंत्री की मंजूरी मांगी जाती है। देश के इस महत्वपूर्ण दिन में मुख्य रूप में विदेशी अतिथि इसलिए बुलाए जाते है ताकि दुनिया के अन्य देशो संग भारत के रिश्ते बेहतर और मजबूत हो सके।
Conclusion: हर साल 26 जनवरी के दिन मनाए जाने वाले इस पर्व को कोरोना महामारी के कारण हम थोड़ा ज्यादा सावधानी से लेकिन उसी उत्साह से मनाएंगे। इस लेख के माध्यम से हमने आपको गणतंत्र दिवस से जुड़े इतिहास और कई अन्य जानकरियां सांझा करने का प्रयास किया है। बने रहिए Oneworldnews के साथ ऐसी इतिहास की बातों को रोचक अंदाज़ में जानने के लिए।
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