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Ramcharitmanas Row: स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 नामजद, रामचरित मानस कि जलाई प्रतियां

Ramcharitmanas Row: जानें क्यों कहा स्वामी प्रसाद मौर्य ने धर्म की चादर में छिपे भेड़ियों से बनाओ दूरी


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. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है।

. स्‍वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर साधू-संतों  ने उनके लिए कडे़ शब्‍दों का इस्‍तेमाल भी किया।

.  उन्‍होंने संतो, महंतों, धर्माचार्यों पर भी हमला करते हुए कहा अब धर्म की चादर में छिपे, इन भेड़ियों से दूरी बनाओ।

Ramcharitmanas Row: स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।

स्‍वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर साधू-संतों ने न केवल आलोचना की बल्कि उनके लिए कडे़ शब्‍दों का इस्‍तेमाल भी किया। अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा अखिलेश यादव स्वयं उनको बढ़ावा दे रहे हैं।  उनको अगर पार्टी से बाहर निकाल कर नहीं फेका, तो सपा का स्तर आने वाले समय में ख़त्म हो जाएगा। इसके अलावा संत जगतगुरु परमंहस ने कहा कि जो स्वामी प्रसाद मौर्या का सर काटकर लाएगा उसे 500 दूंगा, जो जीभ काटेगा उसे 300 दूंगा। साथ ही नाक-कान काटने वालों को 200 दूंगा, क्योंकि यही इसकी औकात है।

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या पर पलटवार करते हुए मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या की खुद की मानसिकता जल्लाद पिशाच की है। इसी से प्रेरित होकर रामचरितमानस के लिए इन्होने ऐसे-ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया। वे पागल हो गए हैं और पागलों का स्थान जेल या फिर पागलखाने में होता है। उनको पागलखाने भेज दिया जाए। ये वहीं ठीक हो पाएंगे।

वहीं बीजेपी ने कहा  कि वह जानबूझकर रामचरित मानस का अपमान कर रहे हैं। उधऱ, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था कि रामचरितमानस हिंदुओं की आस्था का आधार है। रामचरितमानस सामान्य किताब नहीं धार्मिक ग्रंथ है। रामचरितमानस पर टिप्पणी करने से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा था कि स्वाम प्रसाद मौर्या जो बोल रहे हैं, उससे सपा का सत्यानाश होना सुनिश्चित है।

इसी का जवाब देते हुए स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर ल‍िखा, ‘धर्म के नाम पर आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं महिलाओं पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को प्रतिबंधित किए जाने की मांग पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है। अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों एवं जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद।’

अब उन्‍होंने संतो, महंतों, धर्माचार्यों पर भी हमला करते हुए कहा अब धर्म की चादर में छिपे, इन भेड़ियों से दूरी बनाओ। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह भी कहा क‍ि इस देश के एससी, एसटी और पिछड़े वर्ग को न्याय दिलाने के लिए पार्टी सबसे पहले जाति आधारित जनगणना की मांग करेगी। इसके लिए हम केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे।

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वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “धर्म का हवाला  देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूँगा। जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा।”

गौरतलब है कि रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी का विवाद अब और आगें बढ़ चुका है। रविवार को लखनऊ में OBC महासभा के दौरान विरोध स्वरुप पवित्र ग्रंथ की प्रतियां जलाई गई थी। इस मामले को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों को नामजद किया गया है। साथ ही कुछ अज्ञात पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। बताते चलें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा उतर आया है। विरोध स्वरुप रामचरितमानस की विवादित अंश की प्रतियों को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था।

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