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Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना पर आया बड़ा बयान, जानिए क्या है केंद्र सरकार का प्लान

Old Pension Scheme: सीएम खट्टर का दावा इस  योजना से साल 2030 तक दिवालिया हो जाएगा देश!

Highlight

  • खट्टर ने आगे कहा कि 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह  ने भी पुरानी पेंशन योजना का विरोध किया था।
  • मनमोहन सिंह ने 2006 में कहा था कि पुरानी पेंशन योजना भारत को पिछड़ा बना देगी।

Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। कई राज्यों में इस स्कीम को लागू कर दिया गया है। वहीं, कई राज्यों में इसको लागू करने की मांग जोरों से चल रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर  की तरफ से पुरानी पेंशन योजना पर बड़ा बयान जारी किया गया है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक ‘व्हाट्सएप’ संदेश का हवाला देते हुए पुरानी पेंशन योजना की कमियों के बारे में बोला है। मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने कहा कि कल मुझे व्हाट्सएप पर एक संदेश मिला जिसमें केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि अगर पुरानी पेंशन योजना  लागू होती है तो देश 2030 तक दिवालिया हो जाएगा।

खट्टर ने आगे कहा कि 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी पुरानी पेंशन योजना का विरोध किया था। सीएम खट्टर ने कहा कि मनमोहन सिंह एक महान अर्थशास्त्री हैं और उन्होंने 2006 में कहा था कि पुरानी पेंशन योजना भारत को पिछड़ा बना देगी, क्योंकि इस योजना का दृष्टिकोण अदूरदर्शी है।

आपको बता दें, हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक ने भी कुछ राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना को वापस लेने पर चेतावनी दी थी। यह कहते हुए कि यह “उप-राष्ट्रीय राजकोषीय क्षितिज” पर एक बड़ा जोखिम पैदा करता है। इसके परिणामस्वरूप आने वाले वर्षों में अनफंडेड देनदारियों का संचय होगा।

कई अर्थशास्त्रियों ने भी ओपीएस की ओर लौटने पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे राज्यों की वित्तीय स्थिति पर दबाव पड़ेगा। तत्कालीन योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने हाल ही में ओपीएस को वापस लाने के खिलाफ बोलते हुए कहा था कि यह सबसे बड़े ‘रेवड़ियों’ में से एक है।

आपको बता दें 2022-23 के लिए, आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों ने राजस्व खर्च में वृद्धि का अनुमान लगाया है। जो मुख्य रूप से गैर-विकासात्मक व्यय जैसे पेंशन और प्रशासनिक सेवाओं  के कारण होता है।

वहीं पुरानी पेंशन योजना के फायदे की बात की जाए तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आखिरी ड्रॉन सैलरी के आधार पर बनती है। इसके अलावा इसमें महंगाई दर बढ़ने के साथ ही डीए में भी इजाफा होता है। जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है तो भी इससे पेंशन में इजाफा होता है।

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आपको बता दें हरियाणा में होने वाले 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर्मचारियों की ओर से हो रही है। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम लाने को लेकर आगाह किया था। वहीं आरबीआई ने इससे बिना फंड वाली देनदारियों के बढ़ने को लेकर चिंता जताई थी।

गौरतलब है कि इससे पहले छत्तीसगढ़ सरकार, राजस्थान सरकार, पंजाब सरकार पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू कर चुके हैं। इसके साथ ही हिमाचल सरकार ने भी इस सिस्टम को लागू कर दिया है।

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