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Monday Motivation with Smriti Irani: कैसे महिला सशक्तिकरण की परिभाषा को स्मृति ईरानी ने दी नई दिशा?

Monday Motivation with Smriti Irani: मैकडॉनल्ड्स में वेटर की नौकरी करने से लेकर कैबिनेट मिनिस्टर बनने तक का सफ़र 


दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं जो आप नहीं कर सकते। जीवन में सब कुछ पॉसिबल है बस आपका नज़रिया सही होना चाहिए। हम ने कई ऐसे  महान व्यक्तियों के बारे में पढ़ा और जाना है जिन्होंने अपने क्षेत्र में एक बड़ा  मुकाम हासिल किया जैसे – बिल गेट्स, स्टीव जॉव, स्मृति ईरानी, सचिन तेंदुलकर, नेल्सन मंडेला आदि इन सभी ने अपने क्षेत्र में सफलता हासिल की है।

कहते है हर व्यक्ति का एक अतीत होता है और कुछ लोगों का अतीत ऐसा होता है जो दूसरों के लिए मिसाल बन जाता है। ऐसा ही अतीत रहा है हमारी टेलीविजन की स्टार और “सास भी कभी बहू थी’ की तुलसी यानि स्मृति ईरानी का। जी हाँ, हम बात कर रहे है केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी की जिनका टेलीविज़न से लेकर राजनीति तक का सफर बहुत ही दिलचस्प रहा है।

वेट्रेस से मॉडलिंग और एक्टिंग का सफर 

मॉडलिंग से एक्टिंग और टेलेविज़न इंडस्ट्री की तुलसी राजनीति में अपने पैर ज़मा चुकी हैं। लेकिन क्या आप जानते है वो कभी मैकडॉनल्ड्स में वेटर की नौकरी करती थी। 23 मार्च 1976 को दिल्ली में जन्मी स्मृति ईरानी 3 बहनों में सबसे बड़ी होने के नाते बचपन से ही समझदार थी। होली चाइल्ड ऑक्जिलियम स्कूल से अपनी स्कूल शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया। उसके बाद मिस इंडिया कॉम्पिटिशन और 1998 में मिस इंडिया पेजेंट फाइनलिस्ट में अपनी पहचान बनाने के बाद स्मृति ने मीका सिंह के साथ एक एल्बम ‘सावन में लग गई आग’ के गाने ‘बोलियां’ पर परफॉर्म किया। फिर उन्हें छोटे पर्दे पर “सास भी कभी बहू थी” में तुलसी की भूमिका मिली जिसे वो भारतीय महिलाओ के बीच एक प्रसिद्ध चेहरा बन गई।

राजनीति का सफर

एक्टिंग के बाद टीवी ने उन्हें ऐसी पहचान दी जिससे उन्हें राजनीति में एंट्री का मौका मिला और फिर शुरू हुआ उनका राजनीति का सफर जो अभी तक एक सफल दिशा में जा रह है। 2003 में स्मृति ईरानी ने भारतीय जनता पार्टी में आने का फैसला किया। एक साल बाद महाराष्ट्र की यूथ विंग का वाइस प्रेसिडेंट बनकर उन्होंने लोगों का विश्वास जीता। इसी विश्वास के दम पर वो अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास के पद पर कार्य कर रही हैं।

इसके साथ ही आप सोमवार के दिन खुद को मोटिवेट करने के लिए पढ़े यह 10 मोटिवेशनल कोट्स

“अपने लक्ष्य को ऊँचा रखो और तब तक मत रुको जब तक आप इसे हासिल नहीं कर लेते है”।

“जिनमें अकेले चलने का होंसला होता हैं,उनके पीछे एक दिन काफिला होता हैं”।

“ये क्या सोचेंगे? वो क्या सोचेंगे ? दुनिया क्या सोचेगी ? इससे ऊपर उठकर कुछ सोच, जिन्दगीं सुकून का दूसरा नाम हो जाएगी”।

“ज़िंदगी जीना आसान नहीं होता, बिना संघर्ष के कोई महान नहीं होता; जब तक न पड़े हथौड़े की चोट,पत्थर भी भगवान नहीं होता”।

“भागते रहो अपने लक्ष्य के पीछे,क्योंकि आज नहीं तो और कभी, करेंगे लोग गौर कभी, लगे रहो बस रुकना मत, आयेगा तुम्हारा दौर कभी”।

“कम्फर्ट जोन से बाहर निकलिये ,आप तभी आगे बढ़ सकते है जब आप कुछ नया आज़माने को तैयार है”।

“उन पर ध्यान मत दीजिये जो आपकी पीठ पीछे बात करते है इसका सीधा सा अर्थ है आप उनसे दो कदम आगे है”।

“कुछ अलग करना है, तो भीड़ से हट कर चलो, भीड़ साहस तो देती है, पर पहचान छिन लेती है”।

“लोग जो अपनी जिन्दगी का नियंत्रण अपने हाथो में नहीं लेते उनका नियंत्रण समय के हाथो में चला जाता है”।

“हर सफलता की शुरुआत “मैं कर सकता हूँ” से होती है।

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