World Bicycle Day 2019 -जानिये क्या है साइकिल का इतिहास
दुनिया में ऐसे हुई साईकिल की शुरुवात ,फोटो यहाँ देखिये
World Bicycle Day 2019-दुनिया में साईकिल का इतिहास बहुत पुराना है ,जब 18वी सदी में साईकिल का आविष्कार हुआ तो मानो लोग हैरान रह गए . समय बचाने वाला ये आविष्कार सबको खूब पसंद आया. लेकिन क्या आप जानते हैं की साईकिल जैसी आज नज़र आती है वैसी 18वी सदी में बिलकुल नहीं थी. पहली साईकिल को इस तरह से बनाया गया था की बैठने वाले के पेर भी जमीन में पहुंच नहीं पाते थे.लेकिन धीर धीरे ये अविष्कार साधारण और सरल हो गया ,और हर किसी की पहली जरुरत बन गया .
जानिये कैसे आया इस आविष्कार में बदलाव
विश्व की पहली साईकिल
1839 में स्कॉटलैंड के एक लुहार किर्कपैट्रिक मैकमिलन ने विश्व की पहली साईकिल बनायी थी जिसमें पहिये को चलाने के लिए पैडल नहीं था.
ड्रेसियेन
1817 में जर्मनी के बैरन फ़ॉन ड्रेविस ने मौजूदा साईकिल को रेखांकित किया था इसका नाम ड्रेसियेन रखा गया था.
1830 से 1842 के बीच
इस साईकिल की गति 15 किलो मीटर प्रति घंटा थी, जिसका प्रयोग केवल 1830 से 1842 के बीच हुआ था.
पियरे लैलमेंट
वैसे कुछ इतिहासविद कहते हैं कि साईकिल की खोज 763 में ही फ्रांस के पियरे लैलमेंट ने की थी.
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1872 में एक सुंदर
रूप इसकी बढ़ती मांग को देखकर इंग्लैंड, फ्रांस और अमेरिका के यंत्रनिर्माताओं ने इसमें अनेक महत्वपूर्ण सुधार कर सन् 1872 में एक सुंदर रूप दे दिया और ये प्रचलन में आ गई है. 1960 से लेकर 1990 तक 1960 से लेकर 1990 तक भारत में ज्यादातर परिवारों के पास साईकिल थी.
1960 से लेकर1990 तक
1960 से लेकर 1990 तक भारत में ज्यादातर परिवारों के पास साईकिल थी.
तंदरुस्त रहने के लिए रोज़ चलाएं साईकिल
आज के आधुनिक युग में हर कोई फिट रहना चाहता है. साईकिल चलाने से शरीर फिट और स्वस्थ रहता है और रोजमर्रा में साईकिल के इस्तेमाल से पर्यावरण भी साफ़ सुधरा और प्रदूषणमुक्त रहेगा.
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