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जानें क्या हैं पंजाबी शादी में दुल्हे के घर की रस्में

जाने पंजाबी दूल्हे की घर की रस्मे


शादी का जिदंगी में एक अलग ही महत्व होता है। शादी सिर्फ दो आत्माओं का ही मेल नहीं ब्लकि दो परिवारों को भी एक नए रिश्ते में जोड़ता है। देश के 29 राज्यों में अलग-अलग तरीके और अलग-अलग रीति रिवाजों से शादी होती है।
कहीं दिन में शादी होती है तो कहीं रात में। शादियां से कई तरीकों से की जाती है। लेकिन पंजाबी शादी की तो बात ही अलग है। पंजाबियों की ठाठ बाठ ही अलग है। उनका खुले दिल का मिजाज शादी में चार चांद लगा देता है। तो चलिए आज आपको बताते है पंजाबी शादी में दुल्हने की तरफ कौन-कौन सी रस्में होती है। वैसे तो मॉर्डन जमाने में लोग कई रीति-रिवाजों को छोड़ देते है। लेकिन कुछ चीजें आज भी शादी में प्रचलित है।

भाई को सेहरा लगाती बहनें
भाई को सेहरा लगाती बहनें

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रोका

जब शादी के लिए दुल्हा और दुल्हन पक्के हो जाते हैं तो रोके की रस्म अदा की जाती है। इस रस्म के दौरान लड़का और लड़की को मिठाई और कुछ पैसे दिए जाते है। इसका मतलब यह होता है कि अब हमने यह रिश्ता शादी के लिए पक्का कर दिया है।

शगुन

पंजाबी शादी में सबसे अहम है शगुन, लेकिन आज की व्यस्तता वाली जिदंगी में लोग को इस रस्म को शादी वाले दिन ही पूरा करते हैं। इस रस्म के दौरान लड़की के पापा लड़के को कुछ सामान देते है और छवारा खिलाते हैं।

तेल हल्दी

वैसे से पंजाबी रीति के हिसाब से शादी के पांच दिन पहले तेल हल्दी लगाई जाती है। लेकिन अब ज्यादातर लोग एक या तीन दिन का पालन करते हैं।

संगीत

पहले के जमाने से जिस दिन लड़के को तेल लगता है उस रात से औरतें शादी के गीत गाने लगती थी। यह कारवा लगभग शादी से पहली वाली रात तक चलता था। लेकिन अब इन सब की जगह डीजे ने ले ली है। इसलिए लोग आजकल शादी से एक दिन पहले तेल हल्दी लगाते हैं और रात को डीजे पर थिरकते हैं।

दही चढ़ाना

शादी वाले दिन लड़को को दही से नहलाया जाता है। लड़के को उसका जीजा नहलाया है। उसके बाद दुल्हे को खारे( जिस पर बैठकर दुल्ह नहाता हैं) से उसका मामा या नाना उतरते हैं।

सेहरा

सबसे मुख्य हिस्सा यह शादी का दुल्हे को उसकी बहन सेहरा बांधती है।

घोड़ी चढ़ना

जब बरात निकलती है तो दुल्हे को घोड़ी चढ़ाया जाता है। उसके बाद उसकी बहनें से जाने से रोकती है। इस समय दुल्हा अपनी बहनों के शगुन देता है।

सूरमा डालना

इस मौके पर दुल्हे की भाभियां उस सूरमा डालती है। इसके बाद बरात आगे के लिए प्रस्थान करती हैं।

मिलनी

इस मौके पर दोनों तरफ से लोग एक दूसरे से मिलते है और कुछ भेंट भी देते हैं।

शादी

सबसे से पावन मौका। इस मौके पर दुल्हा और दुल्हन गुरु ग्रन्थ साहिब के पांच फेरे लेते हैं और सदा के लिए एक हो जाते हैं।

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