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Indians amid Russia-Ukraine War: क्या भारतीय छात्रों की परवाह करता है भारतीय सरकार?

Indians amid Russia-Ukraine War: भारतीय दूतावास Evacuation! को लेकर है कितना सतर्क? क्या कहना है फसे हुए छात्रों का?


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Indians amid Russia -Ukraine War: जानिए निकासी को लेकर भारत के अगले प्लान के बारे में!

क्या भारतीय छात्र है सुरक्षित?

भारतीय दूतावास का क्या है कहना?

Indians amid Russia-Ukraine War: लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान के पहले दिन के बाद 137 यूक्रेनी नागरिक और सैन्यकर्मी मारे गए है और अब तक करीब 316 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने अपने वीडियो संबोधन में आगे कहा, “वह लोगों को मार रहे हैं और शांतिपूर्ण शहरों को सैन्य ठिकानों में बदल रहे हैं। यह गलत है और इसे कभी माफ नहीं किया जाएगा।”

यूक्रेन में लगभग 20,000 भारतीय फंसे हुए हैं, जिनमें से अधिकांश छात्र हैं।

गुरुवार को, कीव के लिए एयर इंडिया की दूसरी निकासी उड़ान भारतीयों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए भरी गई थी मगर इस क्षेत्र में सैन्य गतिविधि के कारण कीव हवाई क्षेत्र में नागरिक उड़ान की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया गया था। दुर्भाग्य से, जमीनी हालात भी तेजी से बिगड़ गए जिस कारण बोइंग 787 को पाकिस्तान से ईरानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के तुरंत बाद ही चालक दल को दिल्ली वापस लौटने के लिए कहा गया।

यह दिल्ली-कीव-दिल्ली की कई निकासी उड़ानों में से सिर्फ दूसरी ही थी, एयर इंडिया ने इस सप्ताह यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए योजना बनाई थी। उनका कहना है कि 26, 27, 28 फरवरी और 1 मार्च को होने वाली उड़ानो को अभी के लिए स्थगित कर दिया गया है।

भारतीय दूतावास का क्या कहना है?

कीव में मौजूद भारतीय दूतावास ने बीते दिन तीन सलाह जारी की है, जिसमें उन्होंने भारतीयों से “अत्यधिक अनिश्चित” स्थिति के मद्देनजर सुरक्षित रहने और यात्रा से बचने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि निकासी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है, तब तक हवाई हमलों या गोलाबारी का सामना करने वाले क्षेत्रों में बम आश्रयों की तलाश कर, उनमें सुरक्षित रहें।

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पोलैंड, हंगरी, रोमानिया और स्लोवाकिया भारतीय अधिकारियों द्वारा पहचाने गए वैकल्पिक निकासी मार्गों में से है और यूक्रेन के पश्चिमी सीमा क्षेत्रों से देश छोड़ने के विकल्प पर सोचा जा रहा है।

विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने एक मीडिया ब्रीफिंग में जानकारी दी की, हंगरी में मौजूद भारतीय दूतावास ने यूक्रेन से भारतीयों के बाहर निकालने में सहायता के लिए एक टीम भेजी है। हर्ष से आगे यह भी बताया कि तीन और टीमें पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया के सीमावर्ती क्षेत्रों में जाएंगी। इन चार देशों के कुछ भारतीय अधिकारी भी सीमा पार जाएंगे और भारतीयों की मदद के लिए यूक्रेन में ल्वीव और चेर्नित्सि जैसे स्थानों पर शिविर कार्यालय स्थापित करेंगे।

छात्र कर रहें है भयंकर आपदा का सामना!

कई छात्र रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन को जल्द से जल्द छोड़ने के लिए बेताब हैं। कीव हवाई अड्डे पर प्रतीक्षा कर रहे भारतीय छात्रों को बाहर ले जाया गया जिसमे से कई लोगों के सामानों को हवाई अड्डे पर ही छोड़ दिया गया है। छात्रों ने उड़ान पकड़ने के लिए विभिन्न शहरों से यूक्रेन की राजधानी की यात्रा तय की थी।

यूक्रेन में पढ़ने वाली एक युवती राजस्थान की आशिता सोनी ने कहा, ” भारतीय सरकार को यूक्रेन में पढ़ने वालें भारतीय नागरिकों की कोई चिंता ही नहीं है।”

“अगर हम भारतीय दूतावास को फोन करते हैं और पूछते हैं कि हमें क्या करना चाहिए, हमें कहां जाना चाहिए, तो वह कोई जवाब नहीं देते। हम जिस विश्वविद्यालय में पढ़ रहें है उनका कहना है की घबराने की कोई जरूरत नहीं है! उनके लिए हमारे जीवन का कोई मूल्य नहीं है।”

यूक्रेन के हवाले से एक और वीडियो सामने आई है जिसमे बेसमेंट में छिपे करीब 500 भारतीय छात्र देखें जा सकते है।

वीडियो यूक्रेन के खार्किव का बताया जा रहा है जहां एक शैक्षणिक संस्थान के तहखाने में करीब 500 भारतीय छात्रों ने शरण ली है। छात्रों का कहना है की, “हमें नहीं पता कि यह तहखाना हमारे जीवित रहने के लिए पर्याप्त है या नहीं। हम भारत सरकार से, हमें यहां से जल्द से जल्द निकालने का प्रयास करने का आग्रह करते हैं।

Conclusion:

कहते है, युद्ध से कभी किसी का भला नहीं हुआ है। युद्ध में इंसानियत कभी नहीं जीतती, यदि यह अपने साथ कुछ लाता है तो वह है भयंकर त्रासदी! ऐसी तबाही से सिर्फ मायूसी और परेशानी ही हाथ आती है। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी युद्ध, यह सारी बातों को सही साबित करती है। अगर आप भारत में बैठ कर यह सोच रहें है की इस युद्ध का हमारे दैनिक जीवन पर कुछ असर नहीं पड़ेगा, तो आप गलत है। क्रूड ऑयल की कीमतें आसमान छू रहीं है जिसका असर चुनाव के बाद उम्मीद है जल्द ही पेट्रोल और डीजल पर देखने को मिलेंगे।

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Himanshu Jain

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