गुलबर्ग सोसाइटी कांड में 11 लोगों को उम्रकैद और 12 को सात साल की जेल
गुजरात के गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार कांड में विशेष एसआईटी अदालत ने शुक्रवार को 11 दोषियों को ताउम्र जेल(मृत्यु तक) मे रहने का फैसला सुनाया है। इसके साथ ही 12 अन्य दोषियों को सात साल की सजा सुनाई है, वहीं अन्य को 10 साल तक जेल में रहने के लिए कहा है।
अपने फैसले में जस्टिस कहा- “ उम्र कैद की सजा के लिए राज्य में माफी पावर को मैं चैंलेज नहीं करना चाहता, लेकिन मेरी ओर से यह मजबूत सिफरिश है कि सभी 11 दोषी मरने तक जेल में रहेंगे। मैं कैपिटल पनिसमेंट के खिलाफ हूं। ऐसे में सजा के प्रति मेरा यही मेरा फैसला है।
इसके साथ ही जज ने कहा कि 12 आरोपी जो बेल लेकर बाहर है उन पर किसी तरह का भी क्रिमिनल आरोप नहीं है जिसकी वजह से उन्हें सिर्फ सात साल की सजा सुनाई गई है।
जाकिया जाफरी
इससे पहले बीते सोमवार को भी इस कांड पर फैसला टल दिया गया था। अहमादाबाद की विशेष अदालत ने 36 लोगों को बरी कर दिया था।
कोर्ट के फैसले के बाद गुलबर्ग सोसाइटी कांड की एफआईआर दर्ज करने वाली सांसद की पत्नी जाकिया जाफरी ने कहा कि “इतने सारे लोगों की मौत के बदले अदालत ने सिर्फ 12 लोगों की ही उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके खिलाफ में लड़ती रहूंगी जबतक की सही फैसला न हो जाए।“
आपको बता दें, साल 2002 में अहमादाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में सांसद एहसान जाफरी के घर में घुसकर कुछ लोगों उन्हें मार दिया था। इस सोसाइटी में लगभग ज्यादातर परिवार मुस्लिम समुदाय के रहते थे। गोधरा कांड के बाद गुस्साई भीड़ ने लोगों पर हमला बोल दिया कई लोगों को जला भी दिया था। इन्ही में से एक थे एहसान जाफरी जिनको मार दिया गया था।
इस घटना के बाद उनकी पत्नी जाकिया जाफरी ने इस पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके बाद से लंबे समय तक यह केस चलता रहा । केस के दौरान कई लोगों की मौत भी हुई थी। आखिरकार आज अहमादाबाद की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया है।