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Hypertension In Women पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हाइपरटेंशन का खतरा अधिक – स्टडी

Hypertension in Women :महिलाएं रखें अपने दिल का ध्यान क्योंकि ये स्टडी है डराने वाली


Highlights –

. महिलाओं में हाइपरटेंशन का खतरा पुरुषों से अधिक होने लगा है।
. पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) के एक अध्ययन से पता चला है कि 50 के दशक में भारतीय महिलाओं में समान आयु वर्ग के पुरुषों की तुलना में उच्च रक्तचाप होने की संभावना अधिक होती है।

Hypertension in Women :उक्त रक्तचाप या हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण नसों का प्रवाह अधिक हो जाता है। हमारे शरीर में रक्त का प्रवाह एक निश्चित गति से होता है। यदि हेल्थ गाइडलाइंस की बात करें तो शरीर में रक्त का दबाव 120 / 80 mmHg से अधिक नहीं होना चाहिए।

यदि रक्त का प्रवाह इस निश्चित सीमा को पार कर जाता है तो शरीर में हायपरटेंशन की स्थिति पैदा हो जाती है।

हाई ब्लड प्रेशर ना सिर्फ नसों के लिए खतरनाक है बल्कि ये शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों जैसे हार्ट और दिमाग को भी नुकसान पहुंचा सकता है। हांलांकि हाइपरटेंशन के कई कारण होते हैं जैसे मोटापा, धूम्रपान, शराब का सेवन, असंतुलित आहार, तनाव, नींद की कमी या शारीरिक गतिविधि में कमी।

इसके अलावा आजकल की लाइफस्टाइल इस खतरनाक बीमारी होने का सबसे बड़ा कारण है।

इसी बीच एक स्टडी सामने आई है जो आपको चौंका सकती हैं।

पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) के एक अध्ययन से पता चला है कि 50 के दशक में भारतीय महिलाओं में समान आयु वर्ग के पुरुषों की तुलना में उच्च रक्तचाप होने की संभावना अधिक होती है। PHFI के शोधकर्ताओं ने कहा कि उनका यह पहला अध्ययन है जो इस मिथक को व्यापक रूप से समाप्त करता है कि भारतीय पुरुषों में उच्च रक्तचाप का खतरा अधिक होता है।

शोधकर्ताओं ने तीन बड़े राष्ट्रीय सर्वेक्षणों से एकत्र किए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया। ये कुछ इस प्रकार हैं।

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राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -4, उम्र बढ़ने का अध्ययन और स्वास्थ्य लहर -2 और अनुदैर्ध्य उम्र बढ़ने का अध्ययन भारत लहर 1 – जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के भारतीय वयस्कों का एक प्रतिनिधि नमूना शामिल था। नमूना आकार 300,000 व्यक्तियों तक चल रहा है।

यानी की ये अध्ययन तीन लाख व्यक्तियों के बीच किया गया और इसका निष्कर्ष काफी चौंका देने वाला था।

अध्ययन की लेखिका प्रो परिमाला मोहंती ने कहा, “परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि 50 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद, भारतीय महिलाएं समान उम्र के पुरुषों की तुलना में उच्च रक्तचाप विकसित होने का अधिक जोखिम लेकर चलती हैं, इस मिथक को तोड़ते हुए कि महिलाएं ऐसी स्थितियों के लिए आजीवन कम संवेदनशील होती हैं। ”

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जी हां, ऐसा माना जाता है कि महिलाएं पुरूषों की तुलना में अधिक स्वस्थ रहती हैं लेकिन इस तरह के अध्ययन ने उस मिथक को तोड़ दिया है।

अध्ययन के वरिष्ठ लेखक प्रोफेसर अंबरीश दत्ता ने कहा, “महिलाओं में उम्र से संबंधित रक्तचाप पुरुषों की तुलना में तेज होता है उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिला-पुरुषों का अंतर बढ़ता जा रहा है।”

एक अन्य वरिष्ठ लेखिका डॉ लिपिलेखा पटनायक ने 50 के बाद पुरुषों से आगे निकलने वाली महिलाओं में उच्च रक्तचाप की इस घटना को मुख्य रूप से रजोनिवृत्ति के बाद के जैव-हार्मोनल परिवर्तनों के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

यह स्टडी भारतीय महिलाओं की स्थिति को और दयनीय रूप में दर्शाता है। यहाँ जरूरत है तो महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने की और हेल्थ से जुड़ी किसी भी समस्या को गंभीरता से लेने की।

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