Momos, Dimsums : मोमोस और डिमसम्स, दिखने में समान लेकिन स्वाद में अलग!
Momos, Dimsums, दोनों ही एशियाई व्यंजनों का हिस्सा हैं, और उनके बीच समानताएं हैं, जैसे कि दोनों ही छोटे आकार के खाने के लिए तैयार किए जाते हैं और इनमें फिलिंग होती है।
Momos, Dimsums : मोमोस या डम्पलिंग्स? क्या आप पहचानते हैं इन दोनों का अंतर?
Momos, Dimsums, दोनों ही एशियाई व्यंजनों का हिस्सा हैं, और उनके बीच समानताएं हैं, जैसे कि दोनों ही छोटे आकार के खाने के लिए तैयार किए जाते हैं और इनमें फिलिंग होती है। लेकिन इनके बावजूद, इन दोनों के बीच कुछ खास अंतर भी हैं जो इनकी अलग-अलग पहचान बनाते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि मोनोज़ और डिमसम्स में क्या फर्क होता है।
मोमोस और डिमसम्स, फर्क क्या है?
मोमोस नेपाल का एक पारंपरिक व्यंजन है जो तिब्बती व्यंजनों से प्रेरित है। यह नेपाल, तिब्बत और भूटान जैसे हिमालयी क्षेत्रों में अत्यधिक लोकप्रिय है। नेपाल में मोनोज़ खाने की संस्कृति गहरे जुड़ी हुई है और यह वहां के लोकजीवन का अहम हिस्सा है। भारत में भी यह बहुत लोकप्रिय हो चुका है, खासकर उत्तर भारत और उत्तर-पूर्वी भारत में।
डिमसम्स दूसरी ओर, डिमसम्स का जन्म चीन में हुआ था, और यह चीन के दक्षिणी हिस्से विशेषकर ग्वांगडोंग क्षेत्र से निकला है। डिमसम चीन के ‘यम चा’ संस्कृति का हिस्सा है, जिसमें चाय के साथ हल्का भोजन लिया जाता है। डिमसम्स आमतौर पर चाय के साथ परोसे जाते हैं, और इसके कई प्रकार होते हैं।
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बनाने की विधि और सामग्री
मोमोस बनाने के लिए आटे की पतली परत में फिलिंग भरी जाती है, जो वेजिटेरियन और नॉन-वेजिटेरियन दोनों प्रकार की हो सकती है। फिलिंग में पत्तागोभी, प्याज, गाजर, अदरक, लहसुन और मसाले होते हैं, जो मोनोज़ को एक मसालेदार स्वाद देते हैं। इसे स्टीम या फ्राई किया जा सकता है। कुछ लोग मोनोज़ को तंदूर में भी बनाते हैं, जिन्हें तंदूरी मोनोज़ कहा जाता है। मोनोज़ को अधिकतर लाल चटनी या मयोनेज़ के साथ परोसा जाता है।
डिमसम्स की फिलिंग भी वेजिटेरियन और नॉन-वेजिटेरियन हो सकती है, लेकिन इसके स्वाद में अधिक हल्के और परिष्कृत फ्लेवर होते हैं। डिमसम्स में अक्सर पोर्क, झींगे, चिकन और सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है। मोनोज़ के मुकाबले डिमसम्स का आकार छोटा होता है और इन्हें कई तरीकों से पकाया जाता है जैसे कि स्टीम, फ्राई, या उबालकर।
आकार और प्रस्तुति
मोमोस आकार में गोल, अर्धगोल या अंडाकार हो सकते हैं। यह आकार में बड़े होते हैं और इनमें फिलिंग की मात्रा भी ज्यादा होती है। मोमोस को आमतौर पर एक बार में पूरा खाया जाता है। डिमसम्स का आकार छोटा होता है और इनकी डिजाइन बहुत जटिल और आकर्षक होती है। इनको खासतौर पर टोकरी में स्टीम किया जाता है और छोटे बाइट्स के रूप में खाया जाता है। डिमसम्स अक्सर चाय के साथ परोसे जाते हैं और एक ही बार में इनका कई प्रकार तैयार किया जाता है।
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स्वाद और मसाले
मोमोस के स्वाद में भारतीय और नेपाली मसालों का गहरा प्रभाव होता है। यह खाने में मसालेदार होते हैं और इन्हें टमाटर की बेस वाली तीखी चटनी के साथ खाया जाता है। भारतीय मोनोज़ में हरी मिर्च, अदरक, लहसुन, और मसालेदार मसाले मुख्य रूप से उपयोग किए जाते हैं। डिमसम्स का स्वाद आमतौर पर नरम और हल्का होता है। इसमें अधिकतर समुद्री खाद्य पदार्थ और अदरक, सोया सॉस जैसी हल्की चीजों का उपयोग किया जाता है। चाइनीज़ डिमसम्स में तीखे मसालों की बजाय उमामी और नाजुक स्वाद होते हैं।
पकाने का तरीका
मोमोस को स्टीम करने के अलावा फ्राई और तंदूरी के रूप में भी तैयार किया जाता है। इस कारण से मोनोज़ में एक विशेष विविधता आ जाती है। तंदूरी मोमोस को खुले आग में पकाया जाता है, जिससे इनका स्वाद धुएं और मसालों से भरपूर हो जाता है। डिमसम्स मुख्य रूप से स्टीम किए जाते हैं, हालांकि इन्हें तलने या ग्रिल करने के लिए भी तैयार किया जाता है। पारंपरिक चाय के साथ डिमसम्स परोसने की परंपरा के तहत यह हल्के और आसानी से पचने योग्य बनाए जाते हैं। डिमसम्स की विशेषताएँ इसके परोसने के तरीके में होती हैं, जैसे कि बाँस की टोकरी में स्टीम किया जाता है।
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