सेहत

बदलते मौसम में होने वाले फ्लू और कोरोना वायरस में क्या हैं अंतर?

कोरोना वायरस और नार्मल फ्लू मे क्या हैं अंतर?


चीन के वुहान शहर के सी फूड मार्केट से फैले कोरोना वायरस ने सभी देशों को परेशान कर के रखा है। कोरोना वायरस को फैले 6-7 महीने हो चुके है। अभी तक कोरोना वायरस अपनी चपेट में करोड़ो लोगों को ले चूका है जबकि लाखों लोगों ने अपनी जाने गवा दी। अगर हम भारत की बात करें तो यहाँ 9,68,878 लोग इससे संक्रमित हो चुके है जबकि 6,12,815 लोग इससे ठीक हो चुके है। कोरोना वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि लोगों के मन में इसके प्रति एक अजीब सा डर बैठ गया है अभी हमारे यहाँ बरसात का मौसम चल रहा है इस मौसम में सर्दी-खांसी होना आम बात है। परन्तु कई बार लोग आम फ्लू और कोरोना वायरस में अंतर नहीं कर पाते । तो चलिए आज हम आपको बताते है आम फ्लू और कोरोना वायरस में क्या अंतर है।

क्या है कोरोना वायरस?

कोरोना वायरस सार्स के कारण फैलता है। अगर हम चिकित्सा की भाषा में कहे तो ये रेस्पीरेटरी ट्रैक्ट में इन्फेक्शन पैदा करता है। इसका असर आपकी बॉडी के ऊपरी हिस्से यानि साइनस, नाक और गले तक फैलता है और अगर हम निचले हिस्से की बात करे तो ये विंडपाइप और फेफड़ों तक फैलता है। यह वायरस भी और वायरसों की तरह व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क में आने में फैलता है। किसी भी व्यक्ति में इन्फेक्शन हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है।

आम फ्लू और कोरोना वायरस में अंतर?

अगर हम आम फ्लू की बात करे तो ये बदलते मौसम में होना आम बात है नार्मल फ्लू में रोगी में लक्षण तेज़ी से दिखने लगते है जैसे तेज़ बुखार, सिर में दर्द और शरीर में दर्द। नार्मल फ्लू होने पर अगर आप अपने डॉक्टर के पास जाते है तो वो आपको एक दो दिन की दवाई देता है और आप ठीक हो जाते है जबकि कोरोना वायरस में ऐसा नहीं होता कोरोना वायरस में रोगी को लक्षण धीरे- धीरे आते है। रोगी को हल्के सिरदर्द, शरीर में दर्द और हल्के बुखार होता है साथ ही कई बार तो रोगी को ये सब लक्षण भी नहीं होते। जिसके कारण वो लोगो के संपर्क में आने खुद को नहीं रोकता।

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ये कैसे फैलता है?

दोनों ही वायरस फिर चाहे वो कोरोना वायरस हो या नार्मल फ्लू दोनों ही रोगी के संपर्क में आने से फैलते है दोनों ही वायरस एक ही तरीके के से फैलते है। वायरस के फैलने का मुख्य कारण है रोगी के खांसने या छींकने से, रोकी की चीज़ों को छूने से और हाथों के संपर्कमें आने से ये वायरस फैलता है। ये वायरस ड्रापलेट्स के जरिये हवा में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है।

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