Fake news: 500 के नकली नोट और मॉडर्ना वैक्सीन में है कीटनाशक की दवाई, यहाँ जाने इस महीने की Fake News

Fake News : शशि थरूर के बॉलीवुड डांस का वीडियो हुआ वायरल, क्या आप जानते हैं इसका सच ?
Highlights –
- सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के अनुसार अमेरिका की सेना ने छापेमारी में मॉडर्ना वैक्सीन में कीटनाशक पाया है।
- 500 रुपये का नोट असली है या नकली ?
- शशि थरूर के डांस वीडियो की क्या है सच्चाई ?
Fake News : मॉडर्ना वैक्सीन में क्या कीटनाशक दवाई मिलाई जाती है ? जानें इस वायरल पोस्ट का सच
कोरोना ने देश – दुनिया का हाल बेहाल कर दिया। लाखों लोगों ने इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवाई। पिछले साल ही वैज्ञानिकों ने कोरोना की वैक्सीन बना कर लोगों के लिए राहत भरा काम किया। दुनियाभर में टीकाकरण अभियान चलाया गया। कोरोना वैक्सीन को लेकर कई तरह की अफवाहें भी उड़ीं। कई लोग वैक्सीन के पक्ष में थे तो कई लोगों ने वैक्सीन लगाने से इंकार किया। अब सोशल मीडिया पर अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन को लेकर जो दावा किया जा रहा है वो बहुत ही अजीब है।
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के अनुसार अमेरिका की सेना ने छापेमारी में मॉडर्ना वैक्सीन में कीटनाशक पाया है। इस वायरल पोस्ट में यह भी बताया गया है कि इस मिशन के बाद 250,000 शीशियों को नष्ट कर दिया गया। पोस्ट में यह भी बताया गया कि कई शीशियों में जहरीले कीटनाशक पाए गए जो इंसानों की नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है।
लेकिन शायद आप वायरल सोशल मीडिया पोस्ट के पीछे की कहानी नहीं जानते। आइये आपको पूरी सच्चाई बताते हैं।
जब इस खबर की जांच की गई तो सामने जो तथ्य सामने आया वो हैरान कर देने वाला था। अमेरिका मीडिया में भी इस तरह की कोई भी खबर दो सालों में नहीं छापी गई। तब बात यह सामने आती है कि इस तरह की खबर ने तुल कहाँ से पकड़ा।
काफी जांच – पड़ताल के बाद यह बात सामने आई की अमेरिका की एक व्यंग्य वाली साइट पर इस तरह की शबर थी, लेकिन वह सिर्फ मज़ाक में लिखी गई थी। जिसको कुछ लोगों ने तोड़ मरोड़ कर वायरल कर दिया। इस तरह यह न्यूज़ फेक निकली। आपको बता दें कि कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों में इस वैक्सीन का खूब इस्तेमाल हो रहा है। इस वैक्सीन को WHO ने मंजूरी दे रखी है और ट्रायल के बाद इसके डेटा का अच्छे से विश्लेषण किया गया था।
500 रूपये की नोट असली है या नकली सरकार ने किया स्पष्ट
कुछ समय पहले एक सोशल मीडिया पोस्ट खूब वायरल हुआ। उस पोस्ट के माध्यम से आम जनता को बरगलाने की पूरी कोशिश की गई। अब वायरल पोस्ट में क्या था यह आपको हम बता देते हैं। इस पोस्ट में यह लिखा हुआ था कि भारतीय रिजर्व बैंक यानी की आर बी आई के गवर्नर के सिग्नेचर की तुलना में फोटो के करीब हरी स्ट्रिप को दर्शाने वाले सभी नोट नकली हैं।
यहाँ आपको हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह पूरी तरह से अफवाह है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि 500 रूपये के नोट में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो की हरे रंग की पट्टी से निकटता से यह पता नहीं चलता है कि नोट असली है या नकली। आधिकारिक प्रेस सूचना ब्यूरो के Fact Check Handle ने इस अफवाह को सिरे से खारिज कर दिया है।
एक मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि ₹500 का वह नोट नकली है जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास ना होकर गांधीजी की तस्वीर के पास होती है।#PIBFactCheck
➡️यह दावा #फ़र्ज़ी है।
➡️@RBI के अनुसार दोनों ही तरह के नोट मान्य होते हैं।?https://t.co/DuRgmRJxiN pic.twitter.com/AEGQfCM8kZ
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 11, 2022
शशि थरूर के वायरल वीडियो का सच क्या है ?
पिछले दिनों कांग्रेस ने उदयपुर में अपने पार्टी के 400 से अधिक नेताओं के साथ एक चिंतन शिविर आयोजित किया था। इसी शिविर का एक विडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
जी हां, उस वायरल वीडियो में हैं कांग्रेस के बड़े नेता शशि थरूर। विडियो में देखा जा सकता है कि शशि थरूर नाचते हुए महिला नेताओं के बीच में जाकर बैठ जाते हैं। इस वीडियो के वायर होने पर यह दावा किया दा रहा है कि शशि थरूर का यह वीडियो इसी शिविर का है। वीडियो शेयर कर कई यूजर्स ने शशि थरूर को लेकर कई कमेंट्स भी किये हैं। जिनमें से एक यूज़र ने लिखा है उदयपुर चिंतन शिविर के गंभीर चिंतन का वीडियो किल्प।
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उदयपुर चिंतन शिविर के गंभीर चिंतन की वीडियो क्लिप ???♂️ pic.twitter.com/JpcBuiQSXv
— Phenomenal Ajåy (@ajaykum61068972) May 28, 2022
अब जानते हैं इस वीडियो की सच्चाई क्या है ?
असल में यह वीडियो शशि थरूर का ये वीडियो केरल में महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ भीष्म परवम ट्रेंड स्टेप का है।
इस वेबसाइट के मुताबिक शशि थरूर कोचा के थ्रिकक्करा से UDF उम्मीदवार उमा थॉमस के चुनाव अभियान कार्यक्रम में महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ थिरकते हुए दिखे थे। इसका अर्थ यह हुआ कि सोशल मीडिया पर जो शशि थरूर के साथ किया जा रहा है वो दावा पूरी तरह से गलत है। ये वीडियो उदयपुर के शिविर का नहीं बल्कि केरल के UDF उम्मीदवार का है।