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Diwali 2022 : दिवाली पर 27 सालों बाद लगने जा रहा है सूर्य ग्रहण, दुष्प्रभाव से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

Diwali 2022 : दिवाली पर 27 सालों बाद होने जा रहा है संयोग, सूर्य ग्रहण में न करें ये काम

Highlights –

. दिवाली के अगले दिन ग्रहण होने से इस बार महापर्व के दौरान सूर्य ग्रहण का साया रहेगा और इसका असर गोवर्धन पूजा पर भी पड़ने जा रहा है।

. दिवाली के अगले दिन ग्रहण होने से गोवर्धन पूजा दिवाली के तीसरे दिन मनाई जाएगी।

. यह स्थिति 27 वर्ष पूर्व भी हुई थी।

Diwali 2022 : 24 अक्टूबर को पूरे देशभर में दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। दिवाली के लिए तैयारियां कई दिन पहले से चल रही हैं। दिवाली कैसे मनाएं, किन – किन बातों का दिवाली की पूजा में ध्यान रखें ये सारी बातें जानना बेहद जरूरी है।

हिंदू धर्म में दिवाली सबसे प्रमुख त्योहार में से एक है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार की दिवाली की तिथि से लेकर पूजा विधि और इस बार की दिवाली में क्या विशेष है इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे।इसके साथ ही आपको हम बताएंगे कि दिवाली पूजा और लक्ष्मी पूजा पर सूर्य ग्रहण का क्या प्रभाव पड़ने जा रहा है और सूतक काल कब से शुरू हो रहा है और साथ ही इससे बचने के उपाय भी बताएंगे।

इस बार दिवाली पर सूर्य ग्रहण का साया पड़ रहा है। सूर्य ग्रहण दिवाली के अगले ही दिन यानी 25 अक्टूबर 2022 को लगने जा रहा है। यह आंशिक ग्रहण होगा जिसे देश के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा।

दिवाली के अगले दिन ग्रहण होने से इस बार महापर्व के दौरान सूर्य ग्रहण का साया रहेगा और इसका असर गोवर्धन पूजा पर भी पड़ने जा रहा है। दिवाली के अगले दिन ग्रहण होने से गोवर्धन पूजा दिवाली के तीसरे दिन मनाई जाएगी। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह स्थिति 27 वर्ष पूर्व भी ई थी।

अब 27 वर्ष बाद ग्रहण के कारण दिवाली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा होगी। मान्यताओं के अनुसार ग्रहण हमेशा अमावस्या की तिथि को पड़ता है और  दिवाली भी अमावस्या तिथि को ही मनाई जाती है। वहीं ग्रहण शुरू होने से पहले सूतक काल भी शुरू हो जाता है ऐसे में दिवाली की रात से ही सूतक काल शुरू हो रहा है।

रोशनी का पर्व दीपावली 24 अक्टूबर 2022 को है। दिवाली के अगले ही दिन यानी 25 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। ऐसे में दिवाली की रात से ही सूतक लगेगा। हालांकि ज्योतिषविदों के अनुसार सूर्य ग्रहण के कारण लक्ष्मी पूजन पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही  8 नवंबर 2022 को देव दिवाली के दिन साल के अंतिम चंद्र ग्रहण का प्रभाव भी देखने को मिलेगा।

दिवाली 24 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी। दिवाली के अगले ही दिन यानि 25 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। ऐसे में दिवाली की रात से ही सूतक लगेगा। हालांकि ज्योतिषविदों के अनुसार सूर्य ग्रहण के कारण लक्ष्मी पूजन पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा। 8 नवंबर 2022 को देशभर में देव दिवाली मनाई जाएगी इसके साथ ही 8 नवंबर 2022 को देव दिवाली के दिन साल के अंतिम चंद्र ग्रहण का प्रभाव भी देखने को मिलेगा।

सूतक काल का समय

आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पूर्व शुरू हो जाता है। इस हिसाब से 24 अक्टूबर की मध्यरात्रि से ही सूतक काल आरंभ हो जाएगा। सूतक काल का समय दिवाली की रात यानी 24 अक्टूबर की रात को 02:30 बजे से शुरू हो होगा जो अगले दिन 25 अक्टूबर की सुबह 04: 22 बजे समाप्त होगा।

ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार दीपावली पर 27 साल बाद सूर्य ग्रहण का साया पड़ रहा है। इससे पूर्व 1995 में दीपवाली के दिन सूर्य ग्रहण पड़ा था।

 भारत में सूर्यग्रहण

दिवाली के अगले दिन लगने जा रहा सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक रूप से देखने को मिलेगा। यानी की देश के लोग सूर्य ग्रहण देख सकते हैं।  सूर्य ग्रहण का आरंभ 25 अक्टूबर  को दोपहर 02: 29 मिनट से शुरू होगा और सायं 06: 32 मिनट पर समाप्त होगा। सूर्य ग्रहण की अवधि करीब 4 घंटे 3 मिनट की होगी।

ज्योतिषों के अनुसार ग्रहण में सबसे जरूरी है कि सभी तरह के शुभ काम टाल दिए जाएं। सूतक में भी किसी तरह का शुभ काम ना करें।  भोजन को ग्रहण से सुरक्षित रखने के लिए उसमें तुलसी के पत्तों को डाल लें। सूतक काल से ग्रहण के पूरे होने तक सिर्फ ईश्वर की आराधना करें। जिसमें भी केवल देवी देवताओं की चालीसा, बीज या अन्य मंत्र का जप ही करें। ग्रहण का मोक्ष यानी पूरा समय होने के बाद मकान, दुकान, प्रतिष्ठान की साफ सफाई कर अच्छे से धुलाई करें।

संभव हो तो पूरे घर को नमक के पानी से धोएं। इसके बाद खुद भी स्नान कर देवी देवताओं को स्नान कराएं। इसके बाद खाद्य पदार्थों पर गंगाजल छिड़क कर उनको शुद्ध करें।  ग्रहण के प्रभाव सभी तरह के ग्रहण यानि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण पर लागू होते हैं।

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