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Chitai mandir: जाने अल्मोड़ा के चितई मंदिर के बारे में जहा चिट्ठी लिखने से पूरी होती है मनोकामना

Chitai mandir: जाने क्यों जाना जाता है उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से


Chitai mandir: ये बात तो शायद आप भी जानते ही होंगे कि उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना है। यानि की ऐसी भूमि जहां देवी देवता निवास करते हैं। इतना ही नहीं हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड को सबसे पावन क्षेत्र मनीषियों की पूर्ण कर्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दे कि उत्तराखंड में देवी-देवताओं के कई चमत्कारिक मंदिर हैं। जहा जाकर आपकी मनोकामना पूरी हो जाती है। उत्तराखंड के इन मंदिरों की प्रसिद्धि सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों तक फैली हुई है। इन्हीं मंदिरों में से एक है गोलू देवता का मंदिर। उत्तराखंड की स्थानीय मान्यताओं के अनुसार गोलू देवता को न्याय का देवता भी कहा जाता है। तो चलिए आज जानते है गोलू देवता के बारे में

गोलू देवता को न्याय करने वाले देवता के तौर पर पूजा जाता है

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में गोलू देवता को गोलज्यू नाम से भी जाना जाता है। अल्मोड़ा में कुमाऊं के लोग गोलू देवता को सबसे बड़े और तुरंत न्याय करने वाले देवता के तौर पर पूजते है। गोलू देवता को उनके न्याय के लिए दूर-दूर तक जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार गोलू देवता को भगवान शिव और कृष्ण का अवतार माना जाता है। वैसे तो गोलू देवता के उत्तराखंड में कई सारे मंदिर है लेकिन इनमे से सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय मंदिर अल्मोड़ा का चितई मंदिर है। गोलू देवता का ये चितई मंदिर अल्मोड़ा से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ हाईवे पर है।

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Image source – doonmozaic.com

गोलू देवता को लेकर मान्यताएं

उत्तराखंड में गोलू देवता को सबसे बड़े और तुरंत न्याय करने वाले देवता के तौर पर पूजा जाता हैं। उत्तराखंड में गोलू देवता को एक राजवंशी देवता के तौर पर भी जाना जाता है। गोलू देवता को सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि उनको विदेशों में भी जाना जाता है। जब भी कोई व्यक्ति उत्तराखंड के कुमाऊं की तरफ घूमने जाता है तो वो एक बार अपनी मनोकामना लेकर गोलू देवता के पास भी ज़रूर जाता है। मान्यता है कि लोगों की वहा जाकर मनोकामनाएं पूरी भी हो जाती है।

गोलू देवता को चिठ्ठी लिखने से पूरी हो जाती है मनोकामना

अगर आप उत्तराखंड में गोलू देवता के मंदिर जाएंगे तो वह आपको घंटियों के साथ लटकी लाखों चिट्ठियां दिखाई देंगे। इन चिट्ठियों को अगर आप गौर से देखेंगे या पढ़ेंगे तो आपको भी यहां आने वाले लोगों की आस्था और विश्वास का अभाव होगा।यहाँ कोई अपनी मनचाही नौकरी के लिए चिट्ठी लिखता है तो कोई अपने पारिवारिक क्लेश को लेकर, तो कोई सुखी जीवन को ले। सभी लोगों की अपनी अपनी परेशानी होती है तो सभी लोग उनके अनुसार गोलू देवता को चिठ्ठी लिखते है और अपनी मनोकामना पूरी होने का इंतजार करते है।

मनोकामना पूरी होने पर गोलू देवता को चढ़ाई जाती है घंटी

जब भी कोई भक्त गोलू देवता के मंदिर में अपनी मनोकामना लेकर आता है और अपनी मनोकामना की चिठ्ठी लिख कर रख कर जाता है तो उसके बाद जब भी उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो वो भक्त गोलू देवता के मंदिर में फिर से आकर गोलू देवता को घंटी चढ़ा कर जाता है। गोलू देवता के चितई मंदिर पर लगी हज़ारों-लाखों घंटीयां इस बात का साबुत है कि कई सालों से गोलू देवता न्याय देते आ रहे हैं।

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