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Child Marriage Assam: असम में बाल विवाह पर मचा बवाल, असम की महिलाएं क्यों उतरी सड़कों पर

Child Marriage Assam: असम में बाल विवाह के खिलाफ अभियान तेज़, सड़कों पर उतरीं महिलाएं

Highlight:

  • एक तरफ असम में बाल विवाह के खिलाफ इस तरह की कार्यवाई की जा रही है।
  • वहीं दूसरी तरफ अब महिलाओं को घर और बच्चों की चिंता सताने लगी है और यही वजह है कि महिलाएं अपने पति और बेटों की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध में उतर गई हैं।

Child Marriage Assam: असम में इन दिनों बवाल मचा हुआ है। असम की महिलाएं सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है। ये महिलाएं खड़ी हैं सरकार के खिलाफ। कारण है सरकार का बाल विवाह के खिलाफ प्रदेश में एक्शन लेना। एक तरफ असम में बाल विवाह के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की जा रही है वहीं दूसरी तरफ अब महिलाओं को घर और बच्चों की चिंता सताने लगी है और यही वजह है कि महिलाएं अपने पति और बेटों की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध में उतर गई हैं।

चलिए आपको पूरी बात विस्तार से बताते हैं।

असम पुलिस ने राज्य भर में बाल विवाह से संबंधित मामलों में अब तक लगभग 2200 लोगों को गिरफ्तार किया है। असम सरकार बाल विवाह के खिलाफ व्यापक मुहिम शुरू करने जा रही है। इस दौरान दोषियों की गिरफ्तारी हो रही है और व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। 14-18 साल की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है और विवाह को अवैध घोषित किया जा रहा है। वहीं लड़के की उम्र 14 साल से कम होने पर उसे सुधार गृह भेजा जाएगा।

एक तरफ असम में बाल विवाह के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की जा रही है वहीं दूसरी तरफ अब महिलाओं को घर और बच्चों की चिंता सताने लगी है और यही वजह है कि महिलाएं अपने पति और बेटों की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध में उतर गई हैं। कई महिलाओं ने गिरफ्तारी को लेकर सवाल खड़े किए हैं और कईयों ने चिंता जताई है कि घर के पुरुषों के न होने से उनके लिए घर चलाना असंभव सा है।

 क्या कहना है असम की महिलाओं का ?

 असम में बेटों और पति की गिरफ्तारी के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं आगे आकर अब इसका विरोध करने लगी हैं। माजुली जिले की 55 वर्षीय महिला ने सवाल उठाया कि आखिर पुरुषों की ही गिरफ्तारी क्यों की जा रही है। “उनके जेल जाने के बाद हम और हमारे परिवार का गुजारा कैसे होगा”? उन्होंने कहा कि उनके पास आय का कोई साधन नहीं है।

असम के बारपेटा जिले की एक महिला ने कहा कि उसका बेटा एक नाबालिग लड़की के साथ भाग गया था। ‘उसने गलती की, लेकिन मेरे पति को क्यों गिरफ्तार किया?’ वहीं, मोरीगांव की मोनोवारा खातून का कहना है कि उनकी बहू 17 साल की थी जब उसकी शादी हुई थी। अब वह 19 साल की है और पांच महीने की गर्भवती है। उसकी देखभाल कौन करेगा?

कम उम्र में शादी और गर्भवती होने के मामले में भी असम की स्थिति बुरी है। वहां माता व शिशु मृत्यु दर में तेजी आई है। ऐसे में बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी अभियान शुरू करने की जरूरत महसूस की गई। चलिए आपको प्वाइंटर के माध्यम से असम की स्थिति समझाने की कोशिश करते हैं।

1.बाल-विवाह के आंकड़े: देश में हर 10 में से औसतन दो से ज्यादा लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में होती है। वहीं राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे -5 के अनुसार, असम में बाल विवाह का औसत 31 फीसदी है।

2.असम में 11.7 फीसदी लड़कियां कम उम्र में गर्भवती हो रही हैं। सीमावर्ती जिला धुबड़ी में आंकड़ा और भी भयावह है, जहां 50 फीसदी शादियां कम उम्र में हो रही हैं।

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3.रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की ओर से 2022 में जारी आंकड़ों के अनुसार असम, देश में सबसे ज्यादा मातृ मृत्यु दर वाला राज्य है, वहीं शिश मृत्यु दर के मामले में यह तीसरे नंबर पर है। हिमंत सरकार के मुताबिक, राज्य में मां और बच्चों की उच्च मृत्यु दर पर लगाम लगाने के लिए यह फैसला लिया गया।

आपको बता दें कि असम में 14 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ शादी करने वालों के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। वहीं 14 से ज्यादा लेकिन 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत गिरफ्तार किया जाएगा। वर-वधु की उम्र 14 वर्ष से कम होने की स्थिति में विवाह को अवैध करार दिया जाएगा। वर की गिरफ्तारी के बाद उसे जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया जाएगा। बाल विवाह के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी अभियान चलाया जा रहा है।

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