विकसित किया गया चिकुनगुनिया का पहले टीका
दुनिया को मिला चिकुनगुनिया का पहला टीका
यूएस के शोधकर्ताओं ने हाल ही में दुनिया का सबसे पहला चिकुनगुनिया का टीका विकसित कर लिया है। इसे यह टीका एक ख़ास तरीके के वायरस से विकसित किया गया है जिसका इंसानो पर कोई प्रभाव नही होता। और इसी कारण यह टीका कारगर भी है और प्रभावी भी ।
शोधकर्ताओं के अनुसार यह टीका बहुत जल्दी एक मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र बना लेता है और वायरस से शरीर का बचाव भी करता है। इस शोध के परिणाम जर्नल ऑफ नेचर मेडिसिन में पब्लिश किये गए थे। और वे कुछ इस प्रकार थे :-
“this vaccine offers efficient, safe and affordable protection against chikungunya and build the foundation for using viruses that only only infect insects to develop vaccines against other insect-borne diseases,”
यह कथन यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सस मेडिकल ब्रांच के प्रोफेसर स्कोट वावेर ने कहा। उनके कथन का अर्थ है की यह प्रभावशाली, सुरक्षित और सस्ता टीका है और जो केवल उन जीवों के प्रभाव को कम करता है जिससे शरीर में चिकुनगुनिया को बढ़ावा देते हैं।
आखिर चिकुनगुनिया है क्या? यह तो हम सभी जानते हैं कि यह एक तरह की बीमारी है किंतु आपको पता होना चाहिए की यह असल में क्या है। चिकुनगुनिया एक ऐसी बीमारी है जो एडीस मच्छर के काठने से होती है।
इस बीमारी में बहुत तेज़ बुखार और जोड़ों में दर्द होंने लगता है। इस बीमारी का असर बुखार होने के भी कई दिन बाद तक रहता है। इसकी वजह से बुखार ठीक होने के बावजूद भी लंबे अरसे तक जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। यह एक बहुत ही भयंकर बीमारी है जो यदि एक बार किसी मनुष्य को हो जाये तो उसके शरीर को झँकझोड़ कर रख देती है।