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Chhath Pooja 2022 : दिल्ली – एनसीआर में 1100 घाटों पर महापर्व छठ का आयोजन, करें इन घाटों पर छठी मैया का दर्शन

Chhath Pooja 2022 : शारदा सिन्हा के गीतों से छठ होता है यादगार, इस छठ सुनें छठ के इन पारंपरिक गीतों को


Chhath Pooja 2022 : छठ को महापर्व का दर्जा दिया गया है। इस त्यौहार में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। छठ विशेष रूप से बिहारियों का पर्व कहा जाता है। शिक्षा और कामकाज की तलाश में आज बहुत से बिहारी दिल्ली – एनसीआर में आके बस गए हैं। कई तरह की स्थितियों की वजह से उनके लिए घर जा पाना संभव नहीं हो पाता है।

छठ को महापर्व का दर्जा दिया गया है। इस त्यौहार में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। छठ विशेष रूप से बिहारियों का पर्व कहा जाता है। शिक्षा और कामकाज की तलाश में आज बहुत से बिहारी दिल्ली – एनसीआर में आके बस गए हैं। कई तरह की स्थितियों की वजह से उनके लिए घर जा पाना संभव नहीं हो पाता है। छठ एक ऐसा त्योहार है जिसे कहीं भी मनाने की परंपरा है। छठ को मनाने के लिए मात्र एक जलाशय की जरूरत होती है। अपनी विधि और कठिन परम्परा के लिए मशहूर छठ चार दिनों तक मनाया जाता है। शुरुआत नहाय-खाय से होती है। दूसरे दिन खरना किया जाता है और तीसरे – चौथे दिन संध्या अर्घ और भोर – अर्घ मनाया जाता है।

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आप सब में से जो लोग दिल्ली – एनसीआर में रहते हैं और इस वर्ष किसी भी कारण से अपने घर नहीं जा पाए हैं तो चिंता करने की आपको बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। इस आर्टिकल में हम आपको दिल्ली – नोएडा समेत आस – पास के घाटों के बारे में बताएंगे जहां आप जाकर अपने घर के दिनों को याद कर सकते हैं। इसके साथ ही इस आर्टिकल में आपको हम छठ के वो पारम्परिक गीत बताने जा रहे हैं जिन्हें सुनकर आपका मन भी प्रफुल्लित हो उठेगा।

इस बार दिल्ली में सभी 1100 घाटों पर छठ पूजा का भव्य आयोजन सुनिश्चित किया जा रहा है। इस संबंध में राजस्व विभाग द्वारा राजस्व मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री को यमुना नदी के किनारे विभिन्न घाटों पर छठ पूजा के आयोजन लिए एक प्रस्ताव भेजा गया था। अब मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं कि यमुना नदी में कोई भी प्रदूषणकारी सामग्री विसर्जित न हो, इसके लिए अतिरिक्त उपाय किये जायें। एनजीटी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को सुनिश्चित करने के लिए साइट पर बैनर, पोस्टर, ऑडियो संदेश, सीडीवी की तैनाती सहित सभी उपाय करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

कोरोना महामारी से उबरने के बाद दिल्ली सरकार ने छठ महापर्व को बड़े स्तर पर मनाने की तैयारी तेज कर दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना के बाद पहली बार दिल्ली में भव्य तरीके से 1100 जगहों पर छठ महापर्व मनाया जाएगा। 2014 में दिल्ली में केवल 69 स्थानों पर छठ पूजा मनाई जाती थी और दिल्ली सरकार 2.50 करोड़ रुपए खर्च करती थी, लेकिन इस बार सरकार 25 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। डीडीए व एमसीडी के पार्कों में भी छोटे तालाब बनाए जाएंगे।

सी.एम केजरीवाल ने शुक्रवार को डिजिटल प्रेसवार्ता में बताया कि भव्य तरीके से छठ पर्व मनाने के लिए छठ घाटों पर एलईडी स्क्रीन, पावर बैकअप, पीने का पानी, टॉयलेट, एम्बुलेंस व प्राथमिक उपचार समेत सभी जरूरी सुविधाओं का इंतजाम किया जाएगा। छठ घाटों पर लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस संभालेगी और चप्पे-चप्पे पर सी.सी.टी.वी कैमरे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से सभी लोग दो साल अपने-अपने घर में बंद थे, लेकिन इस बार सभी लोग अपने परिवार के साथ धूमधाम से छठ महापर्व मनाएंगे।

उन्होंने कहा कि 30 और 31 अक्टूबर को छठ का त्योहार है और हम सभी लोग अपने व अपने परिवार के साथ सभी देशवासियों के स्वास्थ्य और उनकी तरक्की के लिए आशीर्वाद मांगेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की तीव्रता कम हो गई है, लेकिन अभी पूरी तरह से गया नहीं है। इसलिए सभी लोग कोरोना का भी थोड़ा ध्यान रखिएगा और मास्क पहन कर रखिएगा। हालांकि, जुर्माने का प्रावधान हटा दिया गया है, लेकिन अपनी सुरक्षा अपने हाथ में है। बीमार होने से कोई फायदा नहीं है। इसलिए कोरोना के सभी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन जरूर की जिएगा

आ.ई.टी.ओ के पास हाथी घाट, सोनिया विहार पुस्ता, वजीराबाद, भलस्वा झील, नरेला डी.डी.ए ग्राउंड, द्वारका डी.डी.ए ग्राउंड, चिल्ड्रेन पार्क मंडावली समेत कई जगहों पर छठ घाटों पर विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। हर 2 कि.मी पर एक छठ घाट तैयार करने की कोशिश की जा रही है।

नोएडा में इन – इन जगहों पर मनाया जाएगा छठ

यमुना नदी के ओखला पर ही करीब 60 हजार श्रद्धालु महिलाओं के पहुंचने की संभावना है. पूरे जिले में करीब एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर छठ का आयोजन किया जाता है.

यमुना नदी के ओखला बैराज पर करीब 60000 श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। ऐसे में 8 गोताखोर यहां तैनात रहेंगे, उनके साथ 10 और सहयोगी रहेंगे, नाव अच्छी स्थिति में है इसका सत्यापन कर लिया गया है।

इन गीतों से लें छठ का मजा

दर्शन देहू न अपार हे दीनानाथ.मरबो रे सुगवा धनुष सेकांचही बांस के बहंगिया.महिमा बा अगम अपार हे छठ मइया.उगऽ हे सूरजदेव अरघ के बेरिया.छठ महापर्व को लेकर ये पारंपरिक गीत गूंजने लगे हैं। दो दिन बाद चार दिवसीय छठ अनुष्ठान शुरू हो जाएगा। छठ व्रती इन छठ गीतों को गाते हुए ही गंगा घाटों पर अर्घ्य देने जाएंगे।

शारदा सिन्हा के गीतों की अधिक मांग : शारदा सिन्हा के साथ ही अनुराधा पौड़वाल,भरत शर्मा और देवी के गाए छठ के पारंपरिक गीत हॉटकेक की तरह आज भी बिक रहे हैं। देवी के छठ गीतों के कई एलबम. कोसी के दीयना, बहंगी छूट जाई, गायकों पवन सिंह, रीतेश पांडेय, राकेश मिश्रा, कल्लू व अनू दूबे आदि के छठ गीतों के अलबम युवाओं की पसंद बन रहे हैं। सीडी दुकानदार बॉबीराज ने बताया कि राकेश मिश्रा का अइहए ए छठी मइया,अंकुश राजा का चली छठी घाटेरीतेश पांडेय.दीपक दिलदार का करब बात छठी मइया के और अंजली भारद्वाज का गीत छठी माई के. .अजीत आनंद का सइयां चलीं छठ घाटे और सरिता सरगम का बहंगी लचकत जाएको लोग पसंद कर रहे हैं। फिल्मी गीतों की पैरोडी करके निकले छठ गीतों के अलबमों को श्रोता नहीं मिल पा रहे हैं।

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