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Bihar education minister: अयोध्या के संत ने बिहार के शिक्षा मंत्री पर क्यों रखा 10 करोड़ का इनाम

Bihar education minister: बिहार के शिक्षा मंत्री ने दी आपत्तिजनक टिप्पणी, अयोध्या के संत ने दी धमकी


Highlight

. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है।

. छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस और मनुस्मृति को समाज को विभाजित करने वाली पुस्तकें बताया।

. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा  IPC की धारा 295 (A) के तहत इनपर मुकदमा चलना चाहिए।

 Bihar education minister: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है। बयान पर पलटवार करते हुए अयोध्या के संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने मंत्री को पद से बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने जिस तरह से रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है, उससे पूरा देश आहत है, यह सभी सनातनियों का अपमान है। मैं इस बयान पर कानूनी कार्रवाई की मांग करता हूं। उन्हें एक सप्ताह के भीतर मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया जाए।

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बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि रामायण पर आधारित एक महाकाव्य हिंदू धर्म पुस्तक रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाती है। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस और मनुस्मृति को समाज को विभाजित करने वाली पुस्तकें बताया। उनके इस दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया।

नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। जिसपर संत समाज प्रतिक्रिया दे रहा है। आचार्य सत्येंद्र दास ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह के पद पर रह कर जैसा बयान दिया गया है उससे समझ में आता है, कि वह एक मूर्ख व्यक्ति है।

अयोध्या के संत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने बिहार के शिक्षा मंत्री को बयान पर अपना आपा खो बैठे। उन्होंने कहा बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान से पूरा देश आहत हुआ है। जिस तरह उन्होंने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाली किताब बताया है वो सभी सनातनीयों के लिए अपमान का विषय है। उन्हें अपने बयान के लिए 1 सप्ताह के अंदर माफी मांग लेनी चाहिए।

उन्होंने शिक्षा मंत्री पर इस बयान के लिए कार्रवाई करने के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उन्हें शिक्षा मंत्री के पद से बर्खास्त भी करने की मांग भी की। संत जगतगुरु परमहंस आचार्य यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि जो भी बिहार के शिक्षा मंत्री की जीभ काट कर लाएगा उसे 10 करोड़ का इनाम दिया जाएगा।

अयोध्या के संत ने कहा, “इस तरह की टिप्पणी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रामचरितमानस जोड़ने वाला ग्रंथ है, तोड़ने वाला नहीं। रामचरितमानस मानवता को बढ़ावा देने वाला ग्रंथ है। यह भारतीय संस्कृति का स्वरूप है, यह हमारे देश का गौरव है। रामचरितमानस पर इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

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कवि कुमार विश्वास ने भी ट्वीट कर बिहार के शिक्षा मंत्री पर तंज कसा। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “आदरणीय नीतीश कुमार जी।भगवान शंकर के नाम को निरर्थक कर रहे आपके अशिक्षित शिक्षामंत्री जी को शिक्षा की अत्यंत-अविलंब आवश्यकता है।आपका मेरे मन में अतीव आदर है।इसलिए इस दुष्कर कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर रहा हूँ।इन्हें “अपने अपने राम” सत्र में भेजें ताकि इनका मनस्ताप शांत हो।”

वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि शिक्षा मंत्री का बयान दुर्भावना से ग्रसित है। IPC की धारा 295 (A) के तहत इनपर मुकदमा चलना चाहिए। धर्म निंदा ईश्वर निंदा के लिए भारत के कानून में सजा का प्रावधान है। इसके लिए 1 साल से तीन साल की सजा का प्रावधान है। हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें। इनके बयान ने करोड़ों हिन्दूओं के भावना को आहत किया है।

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