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Asthma precautions in Winter: अस्थमा के मरीज ठंड के मौसम में इन 10 बातों का रखें ध्यान, नहीं आएगी सांस लेने में दिक्कत

Asthma precautions in Winter: अस्थमा के मरीज हैं तो इन 10 बातों को ध्यान रखना है आपके लिए जरूरी

Highlights –

  • अस्थमा सांस से जुड़ी बिमारी है जो बच्चों से लेकर वयस्कों को प्रभावित करता है।
  •  अस्थमा की स्थिति में वायु मार्ग में सूजन के साथ सिकुड़न आ जाती है।
  • इसके अलावा इसमें अतिरिक्त बलगम का उत्पादन भी होता हैजिससे सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है।

Asthma precautions in Winter: ठंड का मौसम आते ही बीमारियों का आना भी शुरू हो जाता है। सर्दी – खांसी से लेकर सिरदर्द तक सर्दियों में आम बात हो जाती है। सर्दी का मौसम उन बीमारियों के लिए भी एक ट्रिगर का काम करता है जो बहुत समय से शरीर में घर कर बैठे हैं। उन्हीं में से एक है अस्थमा। अस्थमा सांस से जुड़ी बिमारी है जो बच्चों से लेकर वयस्कों को प्रभावित करता है।  अस्थमा की स्थिति में वायु मार्ग में सूजन के साथ सिकुड़न आ जाती है।इसके अलावा इसमें अतिरिक्त बलगम का उत्पादन भी होता हैजिससे सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है।

अस्थमा के मरीजों को न सिर्फ मौसम में बदलाव के साथ खुद को ढालना होता हैबल्कि वातावरण में नए इरिटेंट्स भी श्वसन संक्रमण का जोखिम बढ़ाते हैं। पहले से नाज़ुक श्वसन तंत्र जब ठंडी और खुश्क हवाओं के संपर्क में आता हैतो इससे वायु मार्ग की मांसपेशियों में ऐंठन पैदा हो सकती है। इस स्थिति में फेफड़ों पर दबाव पड़ता हैजिससे खांसीसांस लेने में दिक्कतसीने में जकड़न आदि अटैक की वजह बनने लगते हैं । तो ऐसे में अस्थमा के मरीज ठंड के मौसम में किस तरह ख्याल रख सकते हैं हम इस आर्टिकल में हम 10 बातें लेकर आए हैं जो ठंड में राहत का काम करते हैं।

अस्थमा के लक्षण हर मरीज में अलग हो सकते हैंहालांकिकुछ ऐसे लक्षण भी हैंजो सर्दी के मौसम में आम होते हैंजैसे- सांस लेने में दिक्कतसीने में जकड़न या दर्द और खांसी। अस्थमा के कुछ मरीज खांसीनाक में कंजेशननाक बहनागले की खराश और बलगम जमने जैसी दिक्कत से भी जूझते हैं। इसके अलावा फ्लू जैसे लक्षण भी मरीजों को काफी परेशान करते हैं। ऐसे में इस तरह के लक्षण दिखने पर फौरन डॉक्टर को दिखाएं।

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  1. अस्थमा के ट्रिगर को पहचानना जरूरी है और अपने डॉक्टर के साथ इसे मैनेज करने का प्लान बनाना जरूरी है।
  2. आमतौर पर इस मैनेजमेंट में इमरजेंसी की दवाइयां शामिल होती हैं, जल्दी आराम पाने की दवाई और फिर उसके बाद स्थिति को कंट्रोल में रखने की दवाइयां।
  3. आपके डॉक्टर द्वारा बताए गए इन्हेलर को हमेशा साथ में रखें। साथ ही किसी भी नए लक्षण के बारे में डॉक्टर से सलाह ज़रूर करें।
  4. सालाना फ्लू वैक्सीन लगवाएं, साथ ही श्वसन पथ के संक्रमण के लिए निमोनिया की वैक्सीन भी लगवाएं।
  5. तापमान गिरने पर घर पर रहने की कोशिश करें। खासतौर पर सुबह जल्दी और रात में देर तक बाहर न रहें।
  6. मास्क पहनें, इससे आप ठंडी और शुष्क हवाओं से बचेंगे, जो वायु मार्ग के सीधे संपर्क में आ सकती हैं।
  7. गर्म ड्रिंक्स का सेवन करें ताकि बलगम न जमें। गर्म ड्रिंक्स वायु मार्ग को साफ करने का काम करते हैं।
  8. घर को धूल से बचाकर रखें। रोजाना वैक्यूम या साफ सफाई ज़रूर करें।
  9. डाइट का खास ख्याल रखें ताकि अस्थमा अटैक से बच सकें। खाने में विटामिन-डी और सी से भरपूर खाना खाएं, ताकि ठंडे मौसम में अस्थमा के लक्षणों को मैनेज किया जा सके। अस्थमा के मरीज़ों को सर्दी में अदरक और लहसुन ज़रूर खानी चाहिए। इन दोनों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
  10. सर्दी में ज़ुकाम और खांसी आदि जैसे संक्रमण से बचने के लिए दिन में कई बार हाथों को पानी और साबुन से धोएं।

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