पर्यटन

Badrinath Tourist Places: बद्रीनाथ जाएं तो आसपास की इन अद्भुत जगहों का भ्रमण करना ना भूलें

हिंदुओं के चार धाम यात्रा में से एक है बद्रीनाथ धाम। अगर बद्रीनाथ जाए तो इन जगहों पर भी भ्रमण करे आपको बेहद पसंद आएगी ये जगहें।

Badrinath Tourist Places: उत्तराखंड के ये 5 तीर्थ धाम, जरूर करें दर्शन, मन को मिलेगी शांति

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा शुरू हो चुकि है। चार धाम तीर्थ स्थल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। प्राचीन काल से बद्रीनाथ की यात्रा हिन्दू धर्म में एक पवित्र मानी जाती है। आज भी बद्रीनाथ मंदिर का दर्शन करने के लिए हर साल लाखों भक्त पहुंचते है। उत्तराखंड के चार धामों में बद्रीनाथ मंदिर, केदारनाथ मंदिर, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के नाम शामिल हैं। इसमें केदारनाथ और बद्रीनाथ की तस्वीरें सबसे अधिक देखने को मिलती हैं। यहां के सुंदर नजारे, मंदिर के पीछे बर्फ से ढकी पहाड़ियां और घोड़े व पालकी पर बैठ दर्शन के लिए जाते यात्री देखकर ही मन प्रफुल्लित हो जाता है। लोगों को मंदिर के आसपास के पर्यटन स्थलों के बारे में पता नहीं होता। काफी भक्त सिर्फ बद्रीनाथ के दर्शन करके वापस लौट जाते है। लोकिन इस बार अगर आप बद्रीनाथ जाएं तो आस पास की अन्य जगहों का भ्रमण करे। बद्रीनाथ मंदिर के पास बहुत अद्भुत जगहें हैं, जहां घूमकर आपकी ट्रिप बहुत यादगार और मजेदार बन जाएगी।

वसुधारा फॉल्स

समुद्र तल से लगभग 12 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद सुधार फॉल्स भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। वसुधारा फॉल्स बद्रीनाथ मंदिर से लगभग 9 किमी दूर माणा गांव में स्थित है। यह रमणीय झरना हिमालय के शांत वातावरण में स्थित है। इस स्थल का भी पौराणिक कथा है। मान्यता के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडवों का यह विश्राम स्थल हुआ करता था। आपको बता दें कि वसुधारा फॉल्स पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। आपको यह भी बता दें कि माणा गांव में सरस्वती नदी बहती है। नदी के किनारे सुकून का पल बिता सकते हैं।

चरण पादुका

समुद्र तल से 3,380 फीट की ऊंचाई पर स्थित, चरणपादुका शिलाखंड एक आध्यात्मिक स्थल माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस शिलाखंड में भगवान विष्णु के पैरों के निशान हैं, जो उस समय उकेरे गए थे, जब उन्होंने वैकुंठ (स्वामी का स्वर्ग का निवास) से नीचे कदम रखा था और अपने दिव्य पैरों को पृथ्वी पर रखा था। बद्रीनाथ शहर से सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरा पर चरण पादुका पर्वत है। यह शिलाखंड एक धार्मिक स्थल है। इस जगह से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। वहीं यहां से कई सुंदर नजारे देखने को मिलते हैं।

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व्यास गुफा

बद्रीनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर व्यास गुफा स्थित है। व्यास गुफा बेहद खास और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। पौराणिक कथा के मुताबिक, यहां ऋषि व्यास ने भगवान गणेश की मदद से महाकाव्य महाभारत की रचना की थी। मान्यता है कि महर्षि वेद व्यास ने भगवान गणेश से महाभारत के वो पन्ने लिखवाए तो थे, लेकिन उसे उस महाकाव्य में शामिल नहीं किया और उन्होंने उन पन्नों को अपनी शक्ति से पत्थर में बदल दिया। आज दुनिया पत्थर के इन रहस्यमय पन्नों को ‘व्यास पोथी’ के नाम से जानती है। यहां पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है।

ब्रह्म कपाल

बद्रीनाथ बस स्टैंड से लगभग 2 किसी की दूरी पर मौजूद ब्रह्म कपाल अलकनंदा नदी के तट पर स्थित एक बेहद ही पवित्र घाट है। अलकनंदा नदी तट के किनारे स्थित होने चलते यह सैलानियों के बीच भी काफी फेमस है। ब्रह्म कपाल एक ऐसा स्थान है जहां अपने पूर्वजों की आत्मा यानी पिंडदान के लिए पहुंचते हैं। ब्रह्म कपाल में एक सपाट पत्थर है जहां पिंडदान के लिए पूजा-पाठ होती है।

आपको बता दें कि यह बद्रीनाथ मंदिर से लगभग 200 मीटर की दूरी पर मौजूद है। ऐसे में मंदिर दर्शन करने के बाद यहां घूमने के लिए जा सकते हैं।

 नीलकंठ चोटी

बद्रीनाथ मंदिर के आसपास घूमने की बात होती है तो सबसे पहले नीलकंठ ही बात जरूर होती है। माना जाता है कि नीलकंठ चोटी का जिक्र हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है।  नीलकंठ चोटी  एक नहीं, बल्कि कई अद्भुत दृश्यों को प्रस्तुत करती है। चोटी से हिमालय के अद्भुत दृश्यों को देखने के बाद किसी भी सैलानी का मन ख़ुशी से झूम उठेगा। यह चोटी अद्भुत ट्रैक के लिए भी काफी फेमस है। इसलिए मंदिर से नीलकंठ चोटी पहुंचने का सफर काफी रोमांचक भी माना जाता है।

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Roshni Mishra

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